कैंप कार्यालय तोड़े जाने पर अपनी ही पार्टी पर भड़का भाजपाई
उत्तर प्रदेश के बलिया में भाजपा के कैंप कार्यालय पर नगर पालिका का बुलडोजर चल ही गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि इसके पहले एक सप्ताह के भीतर भाजपा कैंप कार्यालय को हटाने के लिए जिला प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन दो बार गया था, लेकिन भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह के विरोध के चलते उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा था। कार्यालय के जमींदोज होने पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के काम से जिला कार्यालय गया था, तभी लोगों ने बताया कि कार्यालय टूट गया है। सरकार के लोगों ने तोड़ा है। इसके पहले कोई नोटिस भी नहीं दी गई। जब से यह इंदिरा नगर मार्केट है तब से अपना कार्यालय भी है। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष ने बताया कि सपा सरकार के समय भी कार्यालय तोड़ा गया, मैं धरने पर बैठा तो समाजवादी पार्टी की सरकार ने एक हफ्ते में पुन: कार्यालय बनाकर दिया। अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर क्या बैठना। हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था। मेरी कश्ती वहीं डूबी, जहां पानी कम था। गौरतलब है कि भाजपा उपाध्यक्ष ने इसके बाद अपनी ही पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं ने जिला प्रशासन से मिलकर बुलडोजर चलवाया है। उन्होंने दुखभरे लहजे में कहा कि सपा में लोकतंत्र था, लेकिन भाजपा में लोकतंत्र नहीं है। आखिरकार भाजपाइयों ने ही मेरा कैंप कार्यालय तुड़वा दिया। अवैध अतिक्रमण का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने कार्यालय को तोड़ा। उन्होंने कहा कि अब वह कार्यकर्ताओं से मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे।
योगी के `बुल्डोजर एक्शन’ पर उठाए सवाल
जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि अतिक्रमण अभियान ठीक नहीं चल रहा है। इससे क्या होना था, जाम भी नहीं लगना था। यहां के जिलाधिकारी की कार्यशैली अच्छी नहीं है। सपा सरकार के समय आंदोलन की रणनीति यहीं बनती थी। बसपा से भी लड़े और कार्यालय को खाली नहीं होने दिया। कार्यालय अगर बन जाएगा तो समझ लेना कि लोकतंत्र है। उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यालय तोड़ने के पीछे लोगों की सोच है कि कहीं मैं बड़ा नेता नहीं बन जाऊं। कहीं बलिया से टिकट का दावेदार न बन जाऊं।