सामना संवाददाता / मुंबई
बेस्ट यूनियनों ने दावा किया है कि वेट लीज ऑपरेटरों के काम पर रखे गए ड्राइवरों का बेस्ट के साथ कोई समझौता नहीं है इसलिए वे अवैध रूप से बसें चला रहे हैं। २२ जनवरी को बेस्ट कामगार सेना ने बेस्ट प्रशासन से मुलाकात की, जिसमें मुंबई के अतिरिक्त नगर आयुक्त (शहर) अश्विनी जोशी भी शामिल थी। बैठक में यूनियनों ने सवाल उठाया कि वेट लीज ऑपरेटर ऐसे ड्राइवरों को वैâसे रख सकते हैं, जिनका बेस्ट के साथ कोई समझौता नहीं है।
यूनियनों ने ९ दिसंबर २०२४ को कुर्ला में हुई दुर्घटना का जिक्र किया और कहा कि वेट लीज बस ऑपरेटरों और उनके कर्मचारियों के कामकाज में कई समस्याएं हैं। इसके अलावा वेट लीज बसों के खराब रखरखाव और बेस्ट के आपूर्ति विभाग में रिक्त पदों का मुद्दा भी उठाया गया। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और बेस्ट कामगार सेना के अध्यक्ष सुहास सामंत ने कहा कि वेट लीज ऑपरेटरों का एक एजेंसी के साथ अनुबंध है, लेकिन बेस्ट का इस एजेंसी से कोई सीधा अनुबंध नहीं है। सामंत ने कहा कि बेस्ट को वेटलीज कर्मचारियों के लिए सेवा नियम बनाना चाहिए, ताकि वे बेस्ट के कर्मचारियों की तरह काम करें। साथ ही कामगार सेना ने यह भी मांग की कि वेट लीज ऑपरेशन को बंद कर दिया जाए। बेस्ट वर्कर्स युनियन के अध्यक्ष शशांक शरद राव ने कहा कि हम चाहते हैं कि बेस्ट अपने ३,३३७ बसों के बेड़े के साथ काम करे और वेट लीज मॉडल को समाप्त कर दे।
इस महीने की शुरुआत में वेट लीज कर्मचारियों ने बिना सूचना के हड़ताल की थी, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई थी। २२ जनवरी २०२५ को कामगार सेना ने बेस्ट प्रशासन को एक पत्र सौंपा, जिसमें वेट लीज बस ऑपरेशन को बंद करने, बेस्ट के स्वामित्व वाली बसों का बेड़ा बढ़ाने और रिक्तिाों को भरने की मांग की गई। बेस्ट के प्रवक्ता ने कहा कि यह बैठक केवल यूनियनों के मुद्दों को समझने के लिए थी और इसके बारे में कोई जानकारी मीडिया से साझा नहीं की जा सकती।