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महायुति में औकात हुई कम…तो चाचा की शरण में पहुंचे दादा!… दोनों के बीच बढ़ा मुलाकातों का दौर

सामना संवाददाता / मुंबई

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार को कई राजनीतिक झटके लगे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता धनंजय मुंडे को सरकार से बाहर होना पड़ा है। मुंडे के गृह जिले बीड़ में सरपंच हत्याकांड के मुख्य आरोपी के साथ उनके करीबी रिश्ते के कारण अजीत पवार की भी फजीहत हुई। इस बीच देवेंद्र फडणवीस सरकार में भी अजीत पवार को झटका लगा।
बीते दिनों महाराष्ट्र की मुख्य सचिव ने एक आदेश जारी किया कि अब से सरकार के स्तर पर अजीत पवार सभी फाइलें डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को भेजेंगे फिर एकनाथ शिंदे उन फाइलों को सीएम ऑफिस को बढ़ाएंगे। इसे सीधे तौर पर महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार में अजीत पवार की हैसियत में कटौती के तौर पर देखा गया। इसके अलावा छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर रायगड में आयोजित कार्यक्रम में अमित शाह की उपस्थिति में अजीत पवार को बोलने नहीं दिया गया। इन राजनीतिक हलचलों के बीच अजीत पवार और उनके चाचा शरद पवार के बीच इन दिनों मुलाकातों का दौर बढ़ गया है। शनिवार को शरद पवार और अजीत पवार सातारा में एक कार्यक्रम में एक साथ मंच पर नजर आए। इस सप्ताह यह दूसरा मौका था जब दोनों नेता एक साथ दिखे। इससे पहले गुरुवार को शरद पवार, अजीत पवार के छोटे बेटे जय पवार की सगाई समारोह में पुणे के पास शामिल हुए थे। सातारा के कार्यक्रम के बाद शरद पवार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया कि शनिवार को छत्रपति शिवाजी महाराज कॉलेज में रयत शिक्षण संस्था की प्रबंध परिषद की बैठक हुई। उन्होंने कहा कि बैठक में रयत नाम से एक मासिक पत्रिका शुरू करने का पैâसला लिया गया। इस पत्रिका का उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान, तकनीक, स्वास्थ्य, साहित्य, खेल, सामाजिक मुद्दे, कला, संस्कृति और वैश्विक मामलों जैसे विविध और जानकारी पूर्ण विषयों पर लेख शामिल करना और इस सामग्री को व्यापक रूप से पैâलाना है। इसके अलावा बैठक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स रोबोटिक्स और ३डी प्रिंटिंग जैसे आधुनिक विषयों पर पाठ्यक्रम शुरू करने का भी निर्णय लिया गया।

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