– इंटेल के पूर्व कंट्री हेड के हादसे ने ईडी सरकार की सोच पर उठाए सवाल
-महायुति के कार्यकाल में प्राथमिकता पर थे साइकिल ट्रैक
नागमणि पांडेय / मुंबई
साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिए महायुति के कार्यकाल में साइकिल ट्रैक बनाने पर प्राथमिकता दी गई थी, लेकिन पिछले दिनों इंटेल के पूर्व कंट्री हेड की साइकिलिंग करते समय टैक्सी की चपेट में आने से मौत होने के बाद ईडी सरकार से सवाल किए जाने लगे हैं कि सरकार को कब सुध आएगी? आखिर ईडी सरकार ने साइकिल ट्रैक से साइडिंग क्यों की हुई है? पाम बीच रोड पर प्रस्तावित साइकिल ट्रैक का काम पूरा हुआ होता तो शायद इंटेल के पूर्व कंट्री हेड की जान बच गई होती।
नई मुंबई के पाम बीच रोड पर एनआरआई पुलिस स्टेशन अंतर्गत नेरुल के पास इंटेल के पूर्व कंट्री हेड अवतार सैनी साइकिलिंग कर रहे थे, तभी एक टैक्सी ने पीछे से टक्कर मार दी थी। इस टक्कर से घायल अवतार सैनी को उनके साथ के अन्य साथियों ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी मौत हो गई। इस मामले में टैक्सी चालक ऋषिकेश रामभाऊ खाड़े के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। चेंबूर के रहने अवतार सैनी साइकिलिंग के शौकीन थे। वे प्रतिदिन चेंबूर से नई मुंबई तक साइकिलिंग करते थे। इस घटना के बाद मुंबई, नई मुंबई, ठाणे और आस-पास के शहरों में प्रस्तावित साइकिलिंग ट्रैक को पूरा करने की मांग की जाने लगी है।
साइकिल ट्रैक परियोजना मंजूरी के बावजूद क्यों रुकी?
महायुति के कार्यकाल में राज्य सरकार और मनपाओं द्वारा जगह-जगह साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिए साइकिल ट्रैक बनाने पर जोर दिया था। इसमें से एक मुंबई मनपा की महत्वाकांक्षी साइकिल ट्रैक परियोजना रुक गई है। मनपा ने ३९ किमी की लंबाई के साथ देश का सबसे लंबा साइकिल ट्रैक बनाने का लक्ष्य रखा था। इस प्रोजेक्ट को `हरितवारी जलतीरी’ नाम भी दिया गया है, लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका हैं।
परियोजना की संकल्पना क्या है?
बृहन्मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र को पानी की आपूर्ति करने वाले तानसा जल चैनल के आस-पास अतिक्रमण के कारण इस जल चैनल की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। हाई कोर्ट ने मनपा को यह आदेश दिया था कि वाटर चैनल के दोनों तरफ १०-१० मीटर के संरक्षित क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया जाए, इसलिए महानगरपालिका ने इन अतिक्रमणों को हटाने का कार्य किया था। महानगरपालिका ने इस स्थल पर एक साइकिल पथ बनाने का निर्णय लिया था, ताकि नागरिक खुली जगह का उपयोग कर सकें। इसके अलावा यातायात की भीड़ मुंबई की एक बड़ी समस्या है, इसलिए महानगरपालिका भविष्य में सुगम यातायात के लिए एक विकल्प प्रदान करने का भी प्रयास कर रही थी।
सबसे लंबा साइकिल ट्रैक
३९ किमी लंबी तानसा जलवाहिनी मुंबई से होकर गुजरती है। यह जलवाहिनी के दो-तरफा है, इसलिए इसकी लंबाई भी ३९ किमी है। महानगरपालिका ने साइकिल ट्रैक के साथ-साथ जॉगिंग के लिए रास्ता बनाने की घोषणा वर्ष २०१८ में किया और वर्ष २०१९ में काम शुरू हो गया था। यह काम मार्च २०२१ तक पूरा होना था, लेकिन नहीं हो सका। इस जलवाहिनी का एक हिस्सा मुलुंड से धारावी तक है और दूसरा हिस्सा घाटकोपर से सायन तक है। यदि यह मार्ग बन जाता है तो भविष्य में मुंबईकर मुलुंड से धारावी या घाटकोपर से सायन तक साइकिल से जा सकेंगे, लेकिन इस काम को ईडी सरकार द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है।