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कचरे और मच्छरों से कब मिलेगी निजात? … मनपा की ‘डीप क्लीनिंग ड्राइव’ डूबी! … मुलुंड इलाके के कई नालों में जमा है गंदगी 

बीमारी फैलने की आशंका से चिंतित हुए लोग

संदीप पांडेय / मुंबई
देश की सबसे धनी महानगरपालिका मुंबई मनपा के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। एक छोटे देश के जितना मुंबई मनपा का बजट है, इसके बावजूद मुंबईकरों को कचरे और मच्छरों से निजात नहीं मिल पा रही है। ‘डीप क्लीनिंग ड्राइव’ को मनपा खुद डुबा रही है। अगर बात करें मुंबई के मुलुंड इलाके की तो, यहां की स्थिति और भी बदतर है। यहां के कई नालों में कूड़े-कचरे के ढेर जमा हैं, जिससे एक ही जगह पर गंदा पानी जमा हो जाता है, और मच्छर पैदा होते हैं। मुलुंड के कई क्षेत्रों में मच्छरों का प्रकोप है। मच्छरों के काटने से लोग डेंगू और मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इसके बावजूद मनपा केवल दिखावे का काम कर रही है। मुलुंड-पश्चिम में जावेर और एस.एल रोड के किनारे साफ सफाई नहीं होने से खुले नाले में कूड़े-कचरे का ढेर जमा हुआ है, जिसकी वजह से पानी रुका हुआ है। स्थानीय लोग मच्छरजनित रोगों के पैâलने की आशंका से चिंतित हैं।
क्या हुआ सफाई अभियान का?
इस इलाके में स्थित नालों में कचरा जमा होने की वजह से पानी आगे नहीं जा पाता, जिसकी वजह से पानी रुक जाता है और मच्छरों का प्रजनन तेजी से होता है। इससे मच्छरों के प्रकोप के साथ-साथ बदबू भी पैâलती है। इसका सीधा असर स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। मनपा जहां एक तरफ साफ-सफाई के लिए इन दिनों ‘डीप क्लीनिंग ड्राइव’ तो दूसरी तरफ डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए जन जागरूकता अभियान चला रही है। लेकिन नागरिकों से पहले मनपा को जागरूक होने की जरूरत है।
खुल रही मनपा की पोल
एक स्थानीय निवासी ने मनपा के कामों की पोल खोलते हुए कहा कि यह केवल एक नाली की ही नहीं बल्कि मुलुंड-पश्चिम की कई नालियों और नालों की यही हालत है। मनपा मच्छरों के प्रकोप को खत्म करने के लिए जगह-जगह फॉगिंग करवा रही है, जबकि जमा कचरे से नाले-नालियां बजबजा रही हैं। इस संबंध में वो किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं।

 

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