सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले कुछ दिनों में मुंबई के भीतर तमाम ठिकानों पर बेस्ट के खराब ड्राइवरों की लापरवाही के चलते कई बड़ी दुर्घटनाएं हुई हैं। इन दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान गई है। ताजा मामले में कुर्ला की घटना है, जिसमें तेज गति होने के कारण अनियंत्रित बस ने ९ लोगों की जान ले ली, जबकि लगभग ३० लोग घायल हो गए थे। ऐसी तमाम घटनाएं हुई हैं, जिसे देखते हुए बेस्ट ने बसों की गति सीमा को नियंत्रित करने का मन बनाया है। बेस्ट अधिकारियों के अनुसार, ज्यादातर घटनाएं बेस्ट बसों की तेज गति के कारण होती हैं। लेकिन बेस्ट को यह कौन बताएगा कि यह दुर्घटना बेस्ट की सिर्फ गति के कारण नहीं बेस्ट के वस्ट (बहुत बुरे) ड्राइवरों के चलते होती है। वे बिंदास होकर ओवर स्पीड में गाड़ी चलाते हैं, बेधड़क सिग्नल जंपिंग करते हैं और तो और लेन कटिंग भी अचानक करते हैं। इन तमाम कारणों से बेस्ट बसों की दुर्घटनाएं होती हैं और कई लोगों को जान गंवानी पड़ती है तो कुछ बेचारे जिंदगीभर के लिए विकलांग बन जाते हैं।
दिंडोशी में अनाड़ी
ड्राइवरों की ट्रेनिंग
बेस्ट के लापरवाह व अनाड़ी ड्राइवरों को दिंडोशी में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत बेस्ट के दिंंडोशी बस डिपो में रुट ट्रेनिंग, सुरक्षित ड्राइविंग ट्रेनिंग, सेफ ड्राइविंग तकनीक और यातायात नियमों के प्रति जागरूकता पर आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रस्तावित गति सीमा लागू होने से लापरवाह ड्राइविंग और तेज गति के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है।
यह समिति ९ दिसंबर को कुर्ला में हुई दुर्घटना के बाद गठित की गई थी, जब एक ड्राइवर नियंत्रण खो बैठा और बस कई वाहनों और पैदल चलने वालों से टकरा गई, जिससे नौ लोगों की मौत हो गई। इस घटना से बेस्ट की भी आंखें खुलीं और उसने सभी को प्रशिक्षण देने पर जोर लगाया है।
गति सीमा ५० किमी प्रति घंटा
बेस्ट अपने सभी बसों की गति सीमा ५० किमी प्रति घंटा करने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में बसों की गति ४५ से ८० किमी प्रति घंटा के बीच है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए गति सीमा और चालकों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं की सिफारिश करने के लिए एक विशेष समिति गठित की गई है, जो अंतिम निर्णय लेगी। लेकिन सवाल यह है कि बेस्ट अपने इन वस्ट ड्राइवरों पर कहां-कहां कंट्रोल करेगा। उनके अंदर तमाम खामियां हैं। उन पर कार्रवाई के साथ-साथ उन्हें बेहतर ड्रायविंग प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए।