विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में ७ देशों की हवा को साफ मानते हुए उनकी प्रशंसा की है। ये देश पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं, लेकिन भारत और उसके पड़ोसी देशों का हाल इससे बहुत अलग है, जहां प्रदूषण गंभीर समस्या बना हुआ है। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल जैसे दक्षिण एशियाई देशों में प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, भारत दुनिया का ५वां सबसे प्रदूषित देश बन गया है। भारत में विशेषकर दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। सर्दियों में प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ जाता है, जब धुआं और धुंध के कारण दृश्यता कम हो जाती है और लोगों को सांस लेने में कठिनाई होती है।
भारत के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश भी वायु प्रदूषण के गंभीर मुद्दे से जूझ रहे हैं। इन देशों में वाहनों, उद्योगों और कृषि पराली जलाने से प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है। इन देशों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब है, जो स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा करती है।
प्रदूषण से निपटने के उपाय
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के बाद अब ये जरूरी हो जाता है कि भारत और उसके पड़ोसी देश वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। इसके लिए स्वच्छ ऊर्जा, सार्वजनिक परिवहन का सुधार और कड़े पर्यावरणीय नियमों की आवश्यकता है। सरकारों को प्रदूषण नियंत्रण के लिए लंबी अवधि की योजनाएं बनानी चाहिए, ताकि भविष्य में हवा की गुणवत्ता बेहतर हो सके और नागरिकों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।