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कड़ी सुरक्षा में एनकाउंटर किसे बचा रही है पुलिस? … सवालों के घेरे में ‘ईडी’ सरकार

– स्कूल का ट्रस्टी अभी भी है फरार
सामना संवाददाता / मुंबई
बदलापुर कांड के आरोपी अक्षय शिंदे का जिस तरह से एनकाउंटर किया गया है, उससे कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। ऐसा लगता है कि किसी को बचाने और काफी कुछ छिपाने के लिए इस एनकाउंटर को अंजाम दिया गया। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर सरकार किसे बचाने की कोशिश कर रही है?
मिली जानकारी के अनुसार, जिस समय शिंदे का एनकाउंटर हुआ, उस वक्त पुलिस वैन में ४ पुलिसकर्मी उसके पास बैठे हुए थे। अक्षय के सिर को काले कपड़े से ढंककर रखा गया था। इसके अलावा उसके हाथ में हथकड़ी लगी हुई थी। ऐसे में अक्षय का एक पुलिसवाले से रिवॉल्वर का छीन लेना किसी फिल्मी पटकथा जैसी लगती है।

स्कूल के ट्रस्टी को बचा रही है पुलिस!

बदलापुर यौन शोषण कांड के आरोपी का एनकाउंटर इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है। जानकार बताते हैं कि इस कांड को हुए इतने दिन बीत गए, पर अभी तक उस स्कूल का ट्रस्टी पुलिस की पकड़ में नहीं आया है। इस बारे में बताया जाता है कि उक्त ट्रस्टी का सत्ता पक्ष के कुछ प्रमुख नेताओं से सीधा संबंध है। ऐसे में उसका पकड़ा जाना मुश्किल है, क्योंकि पुलिस पकड़ने की बजाय उसे बचाने में लगी हुई है। इस कारण पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है। बदलापुर के कुछ स्थानीय निवासियों की बातों पर यकीन करें तो स्कूल प्रबंधन वहां कुछ अवैध गतिविधियों में भी शामिल है। लोगों की मांग है कि इस पूरे मामले की यदि उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तो बहुत कुछ निकलने की संभावना है। इन्हीं सब कारणों से ट्रस्टी को बचाया जा रहा है। हो सकता है कि शिंदे को इन सबकी भनक हो इसलिए उसे बलि का बकरा बनाकर एनकाउंटर कर दिया गया, ताकि मामला ही खत्म हो जाए। क्योंकि यदि केस चलता तो कोर्ट में स्कूल ट्रस्टी का कच्चा-चिट्ठा के बाहर आने की संभावना थी। पर शिंदे के एनकाउंटर के साथ एक ही झटके में पूरा केस ही क्लोज हो गया।

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