मुख्यपृष्ठनए समाचारकौन सुने फरियाद,  जनता निराश ...न मंत्री मिलते हैं न अधिकारी

कौन सुने फरियाद,  जनता निराश …न मंत्री मिलते हैं न अधिकारी

समस्याओं का कैसे होगा समाधान
अभी तक जनता दरबार भी नहीं हुआ शुरू
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार को कुर्सी संभाले लगभग दो महीना होने को आया है, लेकिन मंत्रियों की अनुपस्थिति और अधिकारियों की हीला-हवाली के चलते जनता अपनी समस्याओं को लेकर इनसे संपर्क नहीं साध पा रही है। कुछ मंत्री मंत्रालय में पहुंच ही नहीं रहे हैं। जो आते भी हैं तो अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं और फिर निकल जाते हैं। ऐसे में ग्रामीण इलाकों से आई जनता को निराश ही लौटना पड़ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंत्रालय में सुरक्षा व्यवस्था के चलते प्रवेश पाना भी एक समस्या है। दूर-दराज गांव से आने वाले लोगों को यदि मंत्रालय में प्रवेश मिल भी गया तो भीतर मंत्री और अधिकारी नहीं मिलते, ऐसे में ग्रामीण इलाकों से आने वालों ने कड़ी नाराजगी जताई है। एक किसान जगदीश कदम ने कहा कि हमारी सत्ताधारी दलों से अपील की है कि संभवत: अब तो जनता दरबार, शुरुआत होनी चाहिए। भाजपा, शिंदे गुट ने अभी तक जनता दरबार की कोई घोषणा नहीं की है, जबकि अजीत पवार ने इस मामले में अपने मंत्रियों को पार्टी कार्यालय में जनता दरबार करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि इससे पहले कई मंत्रियों की ओर से उनके पार्टी कार्यालय व क्षेत्र में जनता की समस्या के लिए जनता दरबार शुरू किया जाता था। भाजपा के प्रदेश कार्यालय में उनके मंत्री तो शिवसेना भवन में शिवसेना के मंत्री जनता से मिलते थे। कार्यकर्ता हो या आम जनता उनकी समस्या सुनकर अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई का निर्देश देते थे। माना जा रहा है कि यह सरकार भी शुरू करेगी, लेकिन कितना समय लेगी यह कहना मुश्किल है।

अजीत पवार का अपने मंत्रियों को निर्देश
अजीत पवार ने अपनी पार्टी के सभी मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं को सुनें और उनका समाधान निकालें। मंत्रियों को हर मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को जनता दरबार का आयोजन कर आम जनमानस से सीधे रूबरू होने को कहा गया है। उनकी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में यह जनता दरबार आयोजित किया जाएगा। इसमें तय किया गया है कि किस दिन कौन से मंत्री जनता दरबार लगाएंगे।

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