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अमेरिका में बैलट पेपर तो भारत में क्यों नहीं? …शरद पवार ने उठाया सवाल

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति की प्रचंड जीत के बाद ईवीएम को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। मारकडवाड़ी से शुरू हुई ईवीएम को लेकर लड़ाई अब व्यापक स्वरूप ले रही है। महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने इसे राज्यभर में शुरू करने की तैयारी दर्शाई है। रविवार को एनसीपी (शरद्रचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार के मारकड़वाड़ी दौरे के बाद माहौल और गर्म हो गया है। उन्होंने सवाल किया कि अमेरिका में बैलट पेपर चल सकता है तो भारत में क्यों नहीं।
रविवार को पार्टी के प्रमुख शरद पवार सोलापुर जिले के मालाशिरस विधानसभा क्षेत्र में आनेवाले मारकडवाड़ी गांव पहुंचे। उन्होंने गांव के लोगों को संबोधित किया। इस मौके पर शरद पवार ने कहा कि चुनावी व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। मारकडवाड़ी गांव में कुल २,०४६ मतदाता हैं। विधानसभा चुनावों में गांव के १,९०५ लोगों ने वोट डाले। गांव के तमाम लोगों के साथ पूर्व सरपंच को ईवीएम से निकले वोटों पर भरोसा नहीं है। इस दौरान शरद पवार ने चुनाव आयोग और भाजपा को भी आड़े हाथ लेते हुए जमकर निशाना साधा। पवार ने कहा कि चुनाव आयोग अगर सही है तो बैलट पेपर पर चुनाव क्यों नहीं होने देता? राज्य सरकार जबरन यहां गांव में धारा १४४ और कर्फ्यू लगाकर लोगों को डरा धमका रही है।

उन्होंने कहा कि चुनावी व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। देश में इस समय मारकडवाड़ी गांव को लेकर बहस चल रही है। ग्रामीण खुद ईवीएम मतदान डेटा पर आपत्ति जता रहे हैं। सरकार ने उनके गांवों में इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका में मत-पत्र पर मतदान हो रहा है, हम लोगों के मन में व्याप्त शंकाओं को दूर करना चाहते हैं।

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