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महाराष्ट्र के साथ अन्याय क्यों? …आदित्य ठाकरे का वित्त मंत्री से सवाल 

केंद्रीय बजट पर जताई नाराजगी, बताया निकृष्ट
सामना संवाददाता / मुंबई 
यह बजट सिर्फ दिखावा है, जनता के साथ छलावा है, सरकार ने ऐसा बजट पेश कर सिर्फ नौटंकी की है। इससे आम जनता को कुछ मिला नहीं है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता, युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने गुरुवार को बजट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आर्थिक दृष्टि से महाराष्ट्र के प्रति नकारात्मक रवैया क्यों है? निकृष्ट बजट पर कड़ी नाराजगी जताते हुए उन्होंने पूछा कि राज्य के साथ समान और निष्पक्ष व्यवहार क्यों नहीं किया जा रहा है। भेदभाव और दुर्व्यवहार क्यों किया जा रहा है? इस बारे में आदित्य ठाकरे ने अपने एक्स अकाउंट से पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि बीते १० सालों में वित्त व्यवस्था का कामकाज उत्तम है। देश को नई दिशा, नई आशा मिली है। उन्होंने अभी कहा कि सबका साथ, सबका विकास की दृष्टि से कामकाज शुरू है। सरकार पर्यटन विकास पर काम कर रही है। इसके साथ ही देश में एयरपोर्ट और हवाई सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। केंद्र सरकार के इस बजट पर शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने जमकर हमला बोला है। उन्होंने रोखठोक अंदाज में आक्रोश भरा सवाल पूछा है कि महाराष्ट्र पर ही अन्याय क्यों? हमारे साथ न्याय पूर्ण और समानतापूर्वक व्यवहार क्यों नहीं किया जाता? वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम देश भर के एयरपोर्ट विस्तार को लेकर बोलीं। उन्होंने कहा कि इस पूरी योजना में महाराष्ट्र को समान हिस्सेदार क्यों नहीं माना जा रहा? पुणे के प्रस्तावित नए एयरपोर्ट को लेकर उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला।

…तो पूरी दुनिया से जुड़ेगा पश्चिम महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के उद्योग, वाणिज्य और किसानों को आगे बढ़ाने के लिए पुणे में एयरपोर्ट की सही मायने में बहुत जरूरत है। इस एयरपोर्ट से पश्चिम महाराष्ट्र पूरी दुनिया से जुड़ेगा। मौजूदा सरकार को पुराने पुणे एयरपोर्ट पर बने नए टर्मिनल का उद्घाटन करने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई दे रही है। यह टर्मिनल उद्घाटन की बाट जोह रहा है। इसे बने पांच महीने से अधिक का समय गुजर चुका है।

आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला
वित्त मंत्री ने कहा कि एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बना दिया। इसे बढ़ाकर तीन करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है। आदित्य ठाकरे ने हमला करते हुए कहा कि दुर्भाग्य से करीब एक दशक के बाद अब जाकर उन्हें यह ध्यान में आया है कि गरीब, महिला, युवा, किसान और आम जनता पर ध्यान देना जरूरी है। इन सभी घटकों ने बड़ी आशा के साथ इस सरकार को मतदान किया था, लेकिन दुर्भाग्य से इन सभी घटकों को आशा पर ही रखा गया। ठोस काम नहीं हुआ। आदित्य ठाकरे ने कहा कि पहले की तरह ही इस बजट में भी उनके लिए घोषणा और आश्वासनों के सिवाय कुछ नहीं मिला।

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