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संतान प्राप्ति के लिए पत्नी रखे प्रदोष व्रत

 डॉ. बालकृष्ण मिश्र

प्रश्न- गुरुजी मेरी शादी को १० वर्ष हो गए, अब तक संतान नहीं हुई। कोई उपाय बताएं।
-देवेंद्र तिवारी
(जन्म- २७ दिसंबर १९८२ रात्रि ११:४५ बजे, जौनपुर-उत्तर प्रदेश)
-देवेंद्र जी, आपका जन्म सोमवार के दिन हुआ है। कृतिका नक्षत्र के तृतीय चरण में है और राशि आपकी वृषभ बन रही है। लग्न के आधार पर देखें तो कन्या लग्न में आपका जन्म हुआ है। कन्या लग्न का स्वामी आपकी कुंडली में बुध है और बुध ने पंचम भाव पर बैठकर आपको भाग्यशाली तो बनाया है, लेकिन संतान का विचार पंचम भाव से किया जाता है। पंचम भाव पर ही उच्च की राशि पर मंगल बैठा है, जो संतान में विलंब का योग बना रहा है। इसके लिए आपको उपाय करना होगा, क्योंकि आपकी कुंडली में कालसर्प योग भी बना है और मृतवत्सा योग भी है। ऐसे में आपकी पत्नी को प्रदोष व्रत रखना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा शिव की पूजा करनी चाहिए। वैदिक विधि से कालसर्प योग की भी पूजा करवानी चाहिए। जीवन के विस्तार को जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण गोल्ड भी बनवाना चाहिए।

प्रश्न- गुरुजी, मैं व्यापारी हूं। व्यापार अच्छे से चल नहीं रहा है। मेरी कुंडली में क्या योग है?
-बृजेंद्र शिवशंकर तिवारी
(जन्म- ६ दिसंबर १९९३, रात्रि १२:०५ बजे, सूरत- गुजरात)
बृजेंद्र जी, आपका जन्म सोमवार के दिन हुआ है। मघा नक्षत्र के तृतीय चरण में जन्म हुआ है। राशि आपकी सिंह बन रही है। सिंह राशि के लोग पुरुषार्थी और बड़े मेधावी होते हैं। सिंह लग्न में ही आपका जन्म भी हुआ है। सिंह लग्न का स्वामी सूर्य आपकी कुंडली में चौथे भाव पर बुध ग्रह के साथ में बैठकर के बुधादित्य योग बनाया हुआ है। इस योग के कारण आप बहुत बुद्धिमान हैं और व्यापार के माध्यम से ही अपने करियर को आगे बढ़ाएंगे, लेकिन सूर्य के साथ में राहु बैठने के कारण ग्रहण योग भी और कालसर्प योग भी बना रहा है इसलिए आपको व्यापार का पूरी तरह से लाभ पाने के लिए शंखपाल नामक कालसर्प योग की पूजा वैदिक विधि से करनी चाहिए। जीवन के विस्तार को जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण गोल्ड भी बनवाना चाहिए।

प्रश्न- गुरुजी मेरे बेटे का स्वास्थ्य वैâसा रहेगा और शिक्षा वैâसी होगी? कृपया बताएं।
-कृष्ण बृजेंद्र तिवारी
(जन्म- २८ अप्रैल २०२१, दिन में ४:०६ बजे, दिवा- ठाणे)
कृष्ण बृजेंद्र जी, आपके बेटे का जन्म बुधवार के दिन हुआ है। विशाखा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में राशि वृश्चिक बन रही है। वृश्चिक राशि पर शनि की ढैया का प्रभाव चल रहा है। कन्या लग्न में जन्म हुआ है। कन्या लग्न का स्वामी बुध दशम भाव का भी स्वामी होकर के अष्टम भाव पर बैठा है। आपका बालक स्वस्थ रहेगा, लेकिन चंद्रमा नीच का होने के कारण और चंद्रमा के साथ में केतु बैठा हुआ है इस कारण कभी-कभी शीत के कारण दिक्कत भी आ सकती है, लेकिन घबराने की बात नहीं है। मां को पूर्णिमा व्रत करना चाहिए। शिक्षा की बात को अगर हम देखें तो एजुकेशन आपके बेटे की अच्छी है और बेटा भाग्यशाली है, क्योंकि बेटे की कुंडली में दशम भाव पर मंगल बैठ करके कुलदीपक नाम का योग बनाया हुआ है। बेटे के जन्म के बाद निश्चित ही पिता का विकास हुआ होना चाहिए। जीवन को विस्तार से जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाना चाहिए।

‘जीवन दर्पण’ कॉलम के तहत यदि आप अपने बारे में कुछ जानना चाहते हैं तो अपना नाम, जन्म तारीख, जन्म समय और जन्म स्थान के साथ अपना सवाल व्हाट्सऐप नंबर ९२२२०४१००१ पर लिख भेजें।

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