-कहा, मुंडे समर्थक अलग होंगे तो बन जाएगी पार्टी
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र की पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे ने एक चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि अगर गोपीनाथ मुंडे से प्रेम करने वाले सभी लोग एकजुट हो जाएं तो एक अलग राजनीतिक दल खड़ा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गोपीनाथ मुंडे के समर्थकों में इतनी संख्या और ताकत है कि वे एक नया दल बना सकते हैं।
नासिक में वारकरी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में पंकजा मुंडे ने यह टिप्पणी की। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या यह बयान उन्होंने अपने दिवंगत पिता की याद में भावनात्मक रूप से दिया या फिर इसके पीछे भाजपा को कोई संकेत देने की मंशा है? क्या वे भाजपा से अलग होकर नया दल बनाने की सोच रही हैं।
पंकजा मुंडे ने कहा कि गोपीनाथ मुंडे के समर्थकों का आधार बहुत मजबूत है। भाजपा के गठन से लेकर इसे महाराष्ट्र में खड़ा करने तक गोपीनाथ मुंडे का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि लोग सिर्फ गोपीनाथ मुंडे की बेटी होने के कारण उनसे नहीं जुड़े हैं, बल्कि वे उनके विचारों और गुणों से प्रभावित हैं।
मैं अंधविश्वासी नहीं हूं
पंकजा मुंडे से जब धनंजय मुंडे के मंत्रिपद से इस्तीफे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बीड में संतोष देशमुख हत्याकांड की मैं निंदा करती हूं। राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से देख रही है। धनंजय मुंडे का इस्तीफा लेना या न लेना यह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार का निर्णय होगा। इस दौरान पंकजा मुंडे ने अंधश्रद्धा पर बोलते हुए कहा कि स्वामी समर्थ की कृपा से मुझे पर्यावरण मंत्रालय मिला, लेकिन मैं अंधविश्वासी नहीं हूं।
राजनीति की नई राह की तलाश
यहां तक कहा जाता है कि पंकजा के राजनीतिक करियर को ही खत्म करने की साजिश हुई है। विधानसभा चुनाव तक उन्हें हरा दिया गया। उन्होंने खुद कई बार अपना दर्द बयां किया है। भाजपा ने खानापूर्ति के लिए उन्हें विधान परिषद में भेजकर उन्हें मंत्री बनाया है, लेकिन पहले से छोटा पोर्टफोलियो दिया है। अब उनके इस बयान को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वे भाजपा से अभी भी नाराज हैं और कोई नई राजनीतिक राह तलाश रही हैं?
अब भी नाराज हैं पंकजा?
पिछले कुछ समय से पंकजा मुंडे महाराष्ट्र की राजनीति से दूर चल रही थीं। देवेंद्र फडणवीस से उनकी प्रतिस्पर्धा की चर्चा भी होती रही है। पिछले ७ वर्षों में पंकजा का कद काफी हद तक गिराने का प्रयास किया गया। सूत्रों की मानें तो भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने ही सीएम रेस से बाहर करने के लिए पंकजा को पीछे धकेला है।