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डंपिंग ग्राउंड में करेंगे, धारावीकरों को डंप! …घरों के लिए अपात्र हुए निवासियों को देवनार में पुनर्वसन करने की तैयारी

-क्षेत्र में जहरीली गैसों की है मौजूदगी, नागरिकों पर पड़ेगा बुरा प्रभाव
सामना संवाददाता / मुंबई
धारावी पुनर्विकास योजना से जुड़ी एक खबर ने घरों के लिए अपात्र हुए धारावीकरों को चिंतित कर दिया है। इसका कारण है कि सरकार इन अपात्र निवासियों को देवनार के डंपिंग ग्राउंड में ‘डंप’ करने की योजना बना रही है। डंपिंग ग्राउंड में भले ही फिलहाल मनपा ने डंपिंग का काम बंद कर दिया है, पर वहां काफी गंदगी व जहरीली गैसें मौजूद हैं, जो इंसान की सेहत के लिए काफी हानिकारक हैं। पहले इन अपात्र हुए लोगों को मुलुंड, कुर्ला, दहिसर और भक्ति पार्क जैसी जगहों पर बसाने की योजना बनाई गई थी, जिसका काफी कड़ा विरोध हुआ था। इसके बाद राज्य आवास विभाग ने देवनार में डंपिंग ग्राउंड में झुग्गी बस्ती के भीतर मुफ्त आवास के लिए अपात्र धारावी निवासियों को पुनर्वासित करने का प्रस्ताव दिया है।

देवनार डंपिंग में भेजे
जाने का विरोध शुरू!

आवास विभाग ने अब देवनार में ७० एकड़ भूखंड का उपयोग धारावी के उन अपात्र निवासियों के लिए किराए के घर विकसित करने का प्रस्ताव दिया है, जिन्होंने १ जनवरी, २००० के बाद मकान बनाए हैं और जो पहली या ऊपर की मंजिलों पर रहते हैं।

धारावी पुनर्विकास परियोजना के तहत अपात्र हुए धारावी निवासियों को देवनार डंपिंग ग्राउंड में बसाने की योजना बनाई जा रही है। देवनार में फिलहाल मनपा ने डंपिंग का काम बंद कर रखा है, मगर वहां अभी जहरीली गैसें मौजूद हैं। इससे इसका विरोध शुरू हो गया है।
मनपा आयुक्त भूषण गगरानी के अनुसार, अपात्र धारावी निवासियों के किराए के आवास के लिए देवनार डंपिंग ग्राउंड प्लॉट का उपयोग करने के संबंध में राज्य सरकार को पत्र लिखा गया है। मनपा वहां के ३२६ एकड़ के भूखंड पर १९२७ से कचरा डंप कर रही थी। यह भूखंड राजस्व विभाग के स्वामित्व में है। गगरानी ने कहा कि फिलहाल यह मनपा के कब्जे में है और किराए की आवास परियोजना के लिए केवल ७० एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। कुछ साल पहले जब कांजुरमार्ग में डंपिंग ग्राउंड चालू हो गया, तब मनपा ने देवनार में कचरा फेंकना बंद कर दिया था। आवास विभाग ने अब देवनार में ७० एकड़ भूखंड का उपयोग धारावी के उन अपात्र निवासियों के लिए किराए के घर विकसित करने का प्रस्ताव दिया है, जिन्होंने १ जनवरी, २००० के बाद मकान बनाए हैं और जो पहली या ऊपर की मंजिलों पर रहते हैं। इसके तहत प्रति मकान २.५ लाख रुपए की लागत से बनाने का प्रस्ताव है।
आवास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘देवनार डंपिंग यार्ड किराए के आवास के लिए पहचाने गए स्थानों में से एक है और डीआरपीपीएल ने आवास विभाग से इस भूमि का उपयोग करने के लिए मंजूरी की प्रक्रिया करने को कहा है।’ मुंबई उपनगर के कलेक्टर राजेंद्र क्षीरसागर ने कहा, ‘देवनार डंपिंग यार्ड भूखंड पर किराए के आवास का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास विचाराधीन है।’ धारावी परियोजना के खिलाफ आंदोलन से जुड़े लोगों का कहना है कि धारावी के किसी भी निवासी को बाहर नहीं भेजा जाना चाहिए। उनका कहना है कि हम धारावी के निवासियों को देवनार में स्थानांतरित करने के कदम का विरोध करेंगे। बता दें कि एशिया के सबसे बड़े स्लम क्लस्टरों में से एक धारावी का अडानी रियल्टी के नेतृत्व वाली धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीपीएल) द्वारा पुनर्विकास किया जा रहा है। परियोजना प्रस्ताव के अनुसार, १ जनवरी, २००० से पहले मकान बनानेवाले निवासियों और भूतल पर रहनेवाले लोगों को धारावी में मकान दिए जाएंगे, जबकि अयोग्य निवासियों को अन्यत्र पुनर्वासित किया जाएगा।

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