मुख्यपृष्ठटॉप समाचारएक साथ लड़ेंगे विधानसभा चुनाव!..महाविकास आघाड़ी की संयुक्त घोषणा

एक साथ लड़ेंगे विधानसभा चुनाव!..महाविकास आघाड़ी की संयुक्त घोषणा

सामना संवाददाता / मुंबई

`यह मोदी सरकार अब एनडीए सरकार बन गई है। ये सरकार कितने दिनों तक चलेगी ये भी बड़ा सवाल है। हमारे बारे में इस गठबंधन को प्राकृतिक या अप्राकृतिक गठबंधन कहा गया था, लेकिन अब दिल्ली में जो हो रहा है वह प्राकृतिक है या अप्राकृतिक, यह भी बड़ा सवाल है।’
कल महाविकास आघाड़ी की तरफ से एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस अवसर पर शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा अजेय है, इस बात को जनता ने गलत साबित कर दिया है। लोकसभा चुनाव की यह अंतिम लड़ाई नहीं है! लड़ाई तो अब शुरू हुई है। विधानसभा का चुनाव महाविकास आघाड़ी यानी शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी सहित अन्य घटक दल और समाजिक संस्थाएं मिलकर पूरी ताकत से लड़ेंगी!

पूरे देश में भाजपा के खिलाफ कोई लड़ नहीं सकता, वे अजेय हैं ऐसा माहौल था। किंतु महाराष्ट्र की जनता ने इस खोखली अजेयता को पूरी ताकत से सबक सिखाया है। ये लड़ाई बिल्कुल अजीब थी। लड़ाई आर्थिक और प्रशासनिक रूप से असमान थी। यह संविधान और लोकतंत्र बचाने की लड़ाई थी। देशभक्त और लोकतंत्र प्रेमी नागरिकों ने महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी और देश में ‘इंडिया’ गठबंधन को मतदान देकर रुझान दिया। अब देश जाग गया है लेकिन यह जीत अंतिम नहीं है, लड़ाई अब शुरू हुई है, ऐसा कहते हुए विधानसभा चुनाव का बिगुल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने फूंका। इस दौरान उन्होंने एलान किया कि महाविकास आघाड़ी विधानसभा चुनाव भी साथ मिलकर लड़ेगी।
लोकसभा चुनाव में शानदार सफलता के बाद आगामी विधानसभा चुनाव को सामने देखते हुए महाविकास आघाड़ी ने कल दोपहर संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। मुंबई के यशवंतराव चव्हाण सेंटर में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने खास अंदाज में पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने महाविकास आघाड़ी के पक्ष में वोट करने के लिए महाराष्ट्र की जनता का आभार माना और धन्यवाद दिया। साथ ही सामाजिक संस्था ‘निर्भय बनो’, यूट्यूब के माध्यम से हेमंत देसाई, प्रशांत कदम, निखिल वागले, अशोकराव वानखेड़े, रवीश कुमार ने जनता के सवालों को साहसपूर्वक उठाया। इन सभी की तारीफ करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनके निष्पक्ष प्रतिनिधित्व के कारण लोगों को भी पता है कि सच्चाई क्या है। इस मौके पर राष्ट्रवादी अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे, प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, विधायक जीतेंद्र आव्हाड, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, बालासाहेब थोरात, शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत, सांसद अरविंद सावंत, सांसद अनिल देसाई और अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
महाराष्ट्र में अगले दो-तीन महीनों में विधानसभा चुनाव होंगे। अन्य राज्यों में भी चुनाव होंगे। यह मोदी सरकार अब एनडीए सरकार बन गई है। ये सरकार कितने दिनों तक चलेगी ये भी बड़ा सवाल है। हमारे बारे में इस गठबंधन को प्राकृतिक या अप्राकृतिक गठबंधन कहा गया था, लेकिन अब दिल्ली में जो हो रहा है वह प्राकृतिक है या अप्राकृतिक, यह भी बड़ा सवाल है। लेकिन कुल मिलाकर मेरा मानना ​​है कि इस चुनाव के मौके पर देश की जनता जाग गई है और हमें बड़ी सफलता मिली है, ऐसा भी उद्धव ठाकरे ने कहा।
विधानसभा चुनाव भी साथ मिलकर लड़ेंगे!
क्या लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे? इस सवाल का जवाब देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब तीनों पार्टियां संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करती हैं तो जाहिर तौर पर उससे पहले एक संयुक्त प्रारंभिक बैठक होती है। आने वाले विधानसभा चुनाव में भी हम अपने साथ वाले घटक दलों और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर लड़ने जा रहे हैं, ऐसा भी उद्धव ठाकरे ने कहा।
क्या मोदी नमक खाकर जागेंगे या नहीं?
उन्होंने भाजपा द्वारा फैलाए जा रहे वोट जिहाद पर बात करते हुए कहा कि मुझे वोट जिहाद का कॉन्सेप्ट समझ में नहीं आया। क्योंकि मोदी ने अपने भाषण में ये कहा है कि उनका बचपन मुस्लिम परिवार के सानिध्य में बीता है। ईद के जुलूस के दौरान वे ताजिया के नीचे से गुजरते थे और उनके घर का खाना खाते थे। अब मोदी बताएं कि जो नमक उन्होंने खाया है, उसका हक अदा करेंगे या नहीं? ऐसा सवाल भी उद्धव ठाकरे ने उपस्थित किया। उन्होंने यह भी कहा कि देश की आबादी १४० करोड़ से ज्यादा है, इनमें से कितने लोगों को वोट देने का अधिकार है और कितने वोट भाजपा को मिले और बाकी कई करोड़ लोगों ने भाजपा यानी मोदी के खिलाफ वोट किया, इसका आंकड़ा भी सामने आना चाहिए, ऐसा भी उद्धव ठाकरे ने कहा।
लोकतंत्र को बचाने के लिए सर्वधर्म मतदान..
उद्धव ठाकरे ने उन लोगों की भी खबर ली जिन्होंने यह नैरेटिव सेट करने की कोशिश की थी कि शिवसेना को मराठी वोट नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मराठी वोट क्यों कम मिलेंगे? क्या मराठी ‘एम’ फैक्टर में नहीं आते? इस पर सवाल उठाते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस बार सभी धर्मों ने लोकतंत्र बचाने के लिए वोट किया। इसमें मराठी तो हैं ही, साथ ही हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और अन्य लोग भी हैं। जब खून बहाकर हासिल की हुई मुंबई को उनकी आंखों के सामने लूटा जा रहा है तो क्या मराठी लोग उन लुटेरों को वोट देंगे? मराठी लोग महाराष्ट्र और मुंबई को लूटने वालों को नींद में भी वोट नहीं देते। उद्धव ठाकरे ने यह भी चेतावनी दी कि अगर भाजपा को अभी भी वास्तविकता का एहसास नहीं हुआ है, तो उन्हें चुनाव में परिणाम भुगतना होगा, ऐसी चेतावनी भी उद्धव ठाकरे ने दी।

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