मुख्यपृष्ठसमाचारजीआर का कागज लिए बिना नहीं छोड़ेंगे मैदान!

जीआर का कागज लिए बिना नहीं छोड़ेंगे मैदान!

-राज्य सरकार के खिलाफ आशा कार्यकर्ताओं का एलान… ७४ हजार महिलाओं ने लिया भाग

सामना संवाददाता / मुंबई

केवल आश्वासन नहीं, तत्काल सरकारी अध्यादेश घोषित करो, जीआर का कागज लिए बिना, हम मैदान नहीं छोड़ेंगे, ऐसी मांग करते हुए हजारों आशा सेविकाएं और समूह प्रवर्तकों का आजाद मैदान पर आंदोलन शुरू है। राज्य की ३५,००० आशा सेविकाएं और समूह प्रमोटर अपने अधिकारों की मांग को लेकर पिछले ६ दिनों से मुंबई के आजाद मैदान में सरकार की नीति के खिलाफ लड़ रहे हैं। राज्य की हजारों गृहिणियां अपने बच्चों को छोड़कर आजाद मैदान की गर्मी और ठंड में खुले आसमान के नीचे सोकर अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रही हैं और उनके आंदोलन को हर तरफ से समर्थन मिल रहा है।
जब तक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हमारी न्याय मांगों का जीआर नहीं निकाल देते, हम अपने गांव नहीं जाएंगे। पिछले कई दिनों से ३५ हजार महिलाएं आजाद मैदान में सो रही हैं। वे आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन शिंदे फडणवीस सरकार को इनकी कोई परवाह नहीं है।
क्या हैं मांगें
स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री के आदेशानुसार आशा कार्यकर्ताओं एवं समूह प्रवर्तकों की मांग पर निर्णय लेते हुए घोषणा की गई कि आशा सेवकों एवं समूह प्रवर्तकों को दिवाली से पहले २००० रुपए का दिवाली उपहार दिया जाएगा, आशा सेवकों का पारिश्रमिक बढ़ाया जाएगा। १२ जनवरी २०२४ से पहले इस मांग पर अमल नहीं होने पर समिति ने राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया था और आज एक महीना बीत गया और आशा कार्यकर्ताओं और समूह प्रवर्तकों ने काम करना पूरी तरह से बंद कर दिया है। उक्त आंदोलन को विभिन्न संगठनों का समर्थन मिल रहा है।

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