सामना संवाददाता / मुंबई
बेस्ट उपक्रम ने औसत टिकट और पास में दोगुना वृद्धि करने का निर्णय लिया है। इसका असर बेस्ट से यात्रा करने वाले साढ़े ३१ लाख यात्रियों पर पड़ेगा। पहले से ही महंगाई से परेशान मुंबईकरों को अब बेस्ट किराया वृद्धि का भी झटका लगेगा। ऐसे में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने बेस्ट की इस किराया बढ़ोतरी का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि लाखों मुंबईकरों को सेवा देने वाले बेस्ट के इस अधोपतन को हम बर्दाश्त नहीं कर सकते।
जानबूझकर नजरअंदाज
बेस्ट किराया वृद्धि के विरोध में आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया है। उसमें उन्होंने लिखा है कि मुंबई के आम आदमी की जीवनरेखा मानी जाने वाली बेस्ट बस सेवा को सत्ता में बैठे लोगों द्वारा पिछले २-३ वर्षों से जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है।
बेस्ट बसों का किराया बढ़ाना अनुचित
मुंबईकरों का जीवन कठिन बनाना चाहते हैं सत्ताधारी! … आदित्य ठाकरे का हमला
बेस्ट उपक्रम द्वारा यात्री किराए में दोगुना वृद्धि करने के निर्णय का शिवसेना नेता व विधायक आदित्य ठाकरे ने जोरदार विरोध किया है। उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि सत्ता में बैठे लोग चाहते हैं कि आम मुंबईकरों के रोजमर्रा का जीवन और कठिन हो जाए। दुनिया की सबसे सस्ती शहरी बस सेवा के रूप में जानी जाने वाली और लाखों मुंबईकरों को सेवा देने वाली ‘बेस्ट’ के इस पतन को हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम बेस्ट की दोगुना किराया वृद्धि का विरोध करते हैं!
आदित्य ठाकरे ने कहा कि बेस्ट बसों की संख्या पहले ही कम हो गई है, कई महत्वपूर्ण मार्ग बंद कर दिए गए हैं। अब अगर किराया भी बढ़ाया गया तो इसका बेस्ट पर विपरीत असर होगा। हमारी ठोस मांग है कि इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाई जाए, बेस्ट की गुणवत्ता सुधारी जाए और मुंबईकरों को अच्छी सेवा दी जाए। बेस्ट को बचाइए! मुंबईकरों को अच्छी सेवा देने के लिए इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाइए। बेस्ट का स्तर सुधारिए और मुंबईकरों को अच्छी सेवा दीजिए। बेस्ट बचाओ, ऐसा आह्वान भी आदित्य ठाकरे ने किया है।
बस यात्रियों को ‘बेस्ट’ का झटका!
किराए में ५ से १५ रुपए तक की वृद्धि
मुंबई में बेस्ट बसों के किराए में ५ से १५ रुपए तक की वृद्धि ने यात्रियों को एक नई चिंता में डाल दिया है। नॉन-एसी बसों का न्यूनतम किराया अब १० रुपए और एसी बसों का १२ रुपए हो गया है, जो पहले ५ और ६ रुपए था। इस वृद्धि के बाद नॉन-एसी बसों का किराया १० से लेकर ३५ रुपए तक होगा, जबकि एसी बसों का किराया १२ से ४० रुपए तक हो जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने हाल ही में किराया वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी और कहा कि मनपा का यह प्रस्ताव एक कानूनी आवश्यकता है। हमने इसे पूरा कर दिया है, अब यह बेस्ट पर निर्भर है। हालांकि, नए किराए की शुरुआत मुंबई क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (एमआरटीए) से मंजूरी मिलने के बाद ही होगी, लेकिन क्या यह वृद्धि यात्रियों के लिए सही समय पर की गई है? सवाल यह है कि क्या मनपा ने इस निर्णय से पहले यात्रियों की परेशानियों को ध्यान में रखा है या यह सिर्फ राजस्व बढ़ाने के लिए किया गया कदम है?
मनपा अधिकारियों का कहना है कि इस वृद्धि से सालाना आय ८४५ करोड़ से बढ़कर १,४०० करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है, लेकिन सवाल है कि क्या यह अतिरिक्त आय मुंबई की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुधारने में लगेगी या यह सिर्फ मनपा के खजाने में जाएगी?
यात्रियों ने उठाए सवाल
इस वृद्धि से क्या यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी? क्या बसों के इंतजार का समय कम होगा या बसों की गुणवत्ता में कोई सुधार होगा? इस किराया वृद्धि को लेकर यात्री अधिकार कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए हैं कि क्या छोटी दूरी के लिए किराया कम नहीं किया जाना चाहिए? क्या इस तरह की बढ़ोतरी से मनपा को असल समस्याओं का समाधान मिल पाएगा या यह केवल एक और प्रशासनिक लापरवाही साबित होगा?
लालपरी हुई ‘लाल’!
आय, खर्च और बकाए का आएगा श्वेतपत्र
लगातार घाटे में चलनेवाली लालपरी (एसटी) अब ‘लाल’ हो चुकी है। कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए एसटी महामंडल के पास पैसे नहीं हैं। एसटी महामंडल आर्थिक संकट में फंस गया है। महामंडल को इस संकट से उबारने के लिए ‘ईडी’ २.० सरकार अब एक श्वेतपत्र निकालनेवाली है। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने निर्देश दिया है कि एसटी की आय, कर्मियों के बकाया भुगतान और ईंधन खरीद सहित विभिन्न मदों पर होने वाले व्यय का विस्तृत लेखा-जोखा पेश करने वाला आर्थिक श्वेत पत्र तैयार किया जाए।
एक तरफ एसटी महामंडल की आय में बड़ी गिरावट आई है, दूसरी तरफ कर्मचारियों के बकाया भुगतान और कर्ज का पहाड़ महामंडल के सिर पर है। महामंडल को वर्तमान में लगभग १० हजार करोड़ रुपए का संचित घाटा झेलना पड़ रहा है। इस कारण महामंडल को कर्मचारियों का वेतन, वाहन खरीद, टायर खरीद, ईंधन खरीद, स्टेशनों का नवीनीकरण और अन्य आधारभूत खर्चों के लिए रोजाना आर्थिक संघर्ष करना पड़ता है इसलिए आलोचनाओं का तूफान उठने के बाद सरकार विभिन्न कदम उठा रही है। सोमवार को परिवहन मंत्री सरनाईक ने एसटी के मुख्यालय में बैठक ली। इस बैठक में महामंडल की आर्थिक स्थिति समझने और भविष्य की योजना बनाने के लिए आर्थिक श्वेत पत्र तैयार करने के निर्देश एसटी महामंडल को दिए गए।