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लाडली बहन की कीमत पर करेंगे मुंबई का विकास बंद! … ठेकेदारों ने दी काम रोकने की चेतावनी …४०० ठेकेदार कर रहे हैं भुगतान का इंतजार

– विकास कार्यों का पैसा ‘लाडली बहन’ योजना की ओर मोड़ा
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
विधानसभा चुनाव जीतने के लिए ‘घाती’ सरकार ने सारे दांव-पेंच का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसके तहत मुंबई के विकास कार्यों से भी समझौता किया जा रहा है। करीब ४०० ठेकेदारों के करोड़ों रुपए राज्य सरकार के पास बाकी हैं। सरकार ने यह पैसा ‘लाडली बहन’ योजना की ओर मोड़ दिया है। इससे ठेकेदारों का भुगतान लटक गया है और इस कारण ठेकेदारों ने काम रोकने की चेतावनी दे डाली है। ऐसे में मुंबई के विकास कार्यों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ना तय है।
मिली जानकारी के अनुसार, शिंदे-फडणवीस सरकार इन दिनों कई विभागों के फंड को ‘लाडली बहन’ योजना की ओर मोड़ रही है। इस स्थिति में शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य करने वाले ठेकेदारों का भुगतान रुक गया है। महायुति सरकार की इस गलत हरकत से मुंबई के ४०० ठेकेदारों के ५०० करोड़ रुपए की अदायगी नहीं हो सकी है, जिस कारण वे आक्रामक हो गए हैं। खबर है कि सरकार की इस नीति के खिलाफ जल्द ही मुंबई के ठेकेदार काम बंद आंदोलन कर सकते हैं। इससे अंधेरी, वरली आदि के साथ ही शहर के कई प्रमुख हिस्सों में विकास कार्य प्रभावित हो सकते हैं। ठेकेदारों को भुगतान नहीं किए जाने से वे काम बंद कर देंगे।

१४ महीनों से भुगतान का इंतजार कर रहे हैं ठेकेदार!
ठेकेदारों ने दी थी काम बंद आंदोलन की चेतावनी

मुंबई में हानेवाले विकास कार्यों पर संकट मंडरा रहा है। इसकी वजह है कि करीब ४०० ठेकेदारों का बुगतान नहीं किया गया है, जिससे उन्होंने काम बंद करने की चेतावनी दी है। ‘घाती’ सरकार पिछले १४ महीनों से इन ठेकेदारों के बकाए ५०० करोड़ की राशि की अदायगी नहीं कर सकी है। सरकार की इस बदनीयती के खिलाफ ठेकेदारों ने पिछले महीने काम बंद आंदोलन किया था। हालांकि, सरकार के आश्वासन के बाद आंदोलन को बीच में ही रोक दिया गया था। इसके साथ ही बीच में कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने वित्त मंत्री अजीत पवार, सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री रविंद्र चव्हाण और अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा म्हैस्कर को लिखित निवेदन किया था कि गणेशोत्सव से पहले भुगतान कर दिया जाए, लेकिन अभी तक उनका इंतजार खत्म नहीं हुआ है। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अजय जाधव ने कहा कि सरकार कह रही है कि ५०० करोड़ में से २१ करोड़ रुपए की जल्द ही अदायगी की जाएगी, लेकिन कब तक की जाएगी, इसकी मियाद नहीं दी गई है।

मीरा भायंदर में ७०० करोड़ फंसा
मीरा-भायंदर में भी विभिन्न विकास कार्यों के लिए राज्य सरकार द्वारा पिछले दो वर्षों में मंजूर की गई धनराशि में से मनपा को अभी तक ७०० करोड़ रुपए की निधि नहीं मिली है। इस मंजूर निधि के आधार पर ही मनपा प्रशासन ने कई विकास कार्य किए थे। ये विकास कार्य अब पूरे हो चुके हैं। ऐसे में पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रही मनपा के सामने यह समस्या खड़ी हो गई है कि वह ठेकेदारों का भुगतान कैसे करे।

१२ हजार करोड़ का भुगतान अटका है
पूरे प्रदेश में जहां लोकप्रिय योजनाओं और उनके विज्ञापनों, सार्वजनिक सभाओं पर भारी खर्च किया जा रहा है, वहीं पिछले कुछ वर्षों में किए गए विकास कार्यों का भुगतान नहीं मिलने से ठेकेदार निराश हैं। दावा किया जा रहा है कि लोक निर्माण, ग्रामीण विकास, जल संसाधन आदि विभागों से ठेकेदारों को १२ हजार करोड़ से ज्यादा की राशि का भुगतान बाकी है। सरकार का बीडीएस सिस्टम पिछले आठ दिनों से बंद है। ऐसे में ठेकेदार सवाल उठा रहे हैं कि क्या राज्य की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है। पैसा भुगतान नहीं होने पर संगठन राज्यव्यापी आंदोलन पर विचार कर रहा है।

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