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भिवंडी को बीड बनाओगे क्या? …सांसद ने गृह विभाग की निष्क्रियता पर उठाए सवाल

सामना संवाददाता / मुंबई
बीड़ में पिछले कुछ वर्षों से वाल्मीक कराड की दहशत बढ़ गई थी और अपराधिक मामले तेजी से बढ़े थे। अब कुछ उसी राह पर मुंबई से नजदीकी शहर भिवंडी भी चल पड़ा है भिवंडी में भी गुंडो को खुली छूट मिल रही है और पुलिस निष्क्रिय नजर आ रही है। जिसके चलते तेजी से अपराध बढ़ रहा है। जिसे लेकर स्थानीय सांसद सुरेश म्हात्रे ने सवाल उठाया है कि क्या भिवंडी को भी बीड बनाना चाहती है सरकार?
उन्होंने बताया कि भिवंडी में तड़ीपार गुंडा सुजित मधुकर पाटील को २०१७ में मकोका के तहत गिरफ्तार किया गया था, लेकिन २०२२ में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। इसके बाद भी सुजित पाटील पर छह और अपराधों के मामले दर्ज हुए हैं। नारपोली पुलिस स्टेशन के मुताबिक, १३ जून से वह तड़ीपार घोषित है। बावजूद इसके, उसने धारा ३०७ के तहत एक अपराध किया है। सुजित पाटील खुलेआम कार्यक्रमों में घूमता है, लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर रही है। इससे आम जनता में भय का माहौल बना हुआ है।
सांसद सुरेश म्हात्रे ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि क्या प्रशासन बीड और परभणी जैसे हत्याकांड की प्रतीक्षा कर रहा है? क्या भिवंडी को भी बीड और परभणी बनाना चाहते हैं?’ उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा।
बुलेट ट्रेन परियोजना में भ्रष्टाचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन में बड़े भ्रष्टाचार का आरोप भी सुरेश म्हात्रे ने लगाया है। उन्होंने कहा कि २०१२ के अनुबंध में २०१५ का स्टांप पेपर और २०१८ की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया। एमएमआरडीए ने इस परियोजना को अवैध घोषित करते हुए निर्माण पर रोक लगाई है। म्हात्रे ने बताया कि सुमित पाटील, देवेश पाटील और सिद्धेश कपिल पाटील को पहले २०.१२ करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था। लेकिन ६ जून २०२४ को पुनर्मूल्यांकन कर १९६ करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया। उन्होंने इस परियोजना में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होने का दावा किया।
सुरेश म्हात्रे ने १४ फरवरी २०१७ को हुई भिवंडी महानगरपालिका के तत्कालीन विपक्षी नेता मनोज म्हात्रे की हत्या की दोबारा जांच की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि हत्या के प्रमुख आरोपी ने १९३ बार सुमित पाटील से संपर्क किया था। उन्होंने कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल पाटील और सुमित पाटील पर मामले से जुड़े होने का आरोप लगाया।

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