सामना संवाददाता / मुंबई
विश्व भर में फैले गणपति बप्पा के करोड़ों भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र श्री सिद्धिविनायक मंदिर, प्रभादेवी में न सिर्फ भक्तों की लगातार संख्या बढ़ रही है, अपितु मंदिर को होने वाली आय में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वर्ष 2024 में मंदिर की वार्षिक आमदनी में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मंदिर की वार्षिक आय का आंकड़ा 133 करोड़ पहुंच गया है। इसका सारा श्रेय मंदिर के कुशल प्रशासन और पारदर्शिता पूर्ण सुविधाओं को जाता है। श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित दादर-पश्चिम प्रभादेवी स्थित सिद्धिविनायक मंदिर ने 31 मार्च को वार्षिक लेखा जोखा पेश करते हुए आगामी वित्त वर्ष के बजट का प्रस्ताव पेश किया है। इसके अनुसार, मंदिर की वार्षिक आमदनी लगभग 133 करोड़ हुई है। ट्रस्ट के अध्यक्ष, राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त सदा सरवणकर की अध्यक्षता में सभी ट्रस्टियों की मौजूदगी में हुई बैठक में वर्ष 2024-2025 तथा वर्ष 2025-2026 के लिए बजट अनुमानित बजट पेश किया गया।
सिद्धिविनायक मंदिर के ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी ने बताया कि न्यास समिति ने बैठक में सर्वसम्मति से नवजात बालिकाओं के लिए ’अभिनव श्री सिद्धिविनायक भाग्यलक्ष्मी’ योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। इस योजना के तहत विश्व महिला दिवस 8 मार्च को राज्य के सरकारी अस्पतालों में पैदा होने वाली बच्चियों की माता के नाम पर 10,000 रुपए का फिक्स डिपॉजिट किया जाएगा। इसके लिए वही परिवार लाभार्थी होगा, जो सरकारी योजनाओं के लिए निर्धारित नियमों के तहत पात्र होता है। सभी ट्रस्टियों के सुनियोजित एवं पारदर्शी कार्यप्रणाली, प्रशासन एवं श्रद्धालुओं की भागीदारी के कारण वर्ष 2024-2025 में ट्रस्ट की अनुमानित आय 114 करोड़ रुपए होने वाली थी, जो बढ़कर 133 करोड़ रुपए हो गई है। इस तरह से ट्रस्ट की वार्षिक आय पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 15% बढ़ी है। आचार्य त्रिपाठी ने बताया कि मंदिर में होने वाले विभिन्न अनुष्ठानों, पूजा, प्रसाद, लड्डू और नारियल बर्फी आदि से अगले वित्त वर्ष 2025-26 में ट्रस्ट ने आय 154 रुपए आमदनी का लक्ष्य रखा गया है। ट्रस्ट प्रबंधन समिति द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव सरकार को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया गया है। सरकार की मंजूरी के बाद इस योजना के मानदंडों की घोषणा की जाएगी।