सामना संवाददाता / डोंबिवली
केडीएमसी के शास्त्रीनगर अस्पताल में प्रसूति के दौरान एक महिला की मौत के बाद परिजनों और स्थानीय नागरिकों में भारी आक्रोश है। मृतक महिला सुवर्णा सरोदे के परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। इस घटना के बाद अस्पताल परिसर में परिजनों और आरपीआई के कार्यकर्ताओं ने धरना शुरू कर दिया है और जब तक दोषी डॉक्टरों पर मामला दर्ज नहीं होता, तब तक शव लेने और अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है।
क्या है मामला?
सुवर्णा सरोदे को प्रसव के लिए शास्त्रीनगर अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन प्रसूति के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने बिना अनुमति उनकी गर्भ थैली (गर्भ पिशवी) निकाल दी, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई और उनकी जान चली गई। इस घटना के बाद अस्पताल में परिजनों ने हंगामा किया और न्याय की मांग की।
धरने पर बैठे लोग…कार्रवाई की मांग
घटना के विरोध में आरपीआई नेता भरत सोनवणे, संजय जाधव, महाडिक उगड़े समेत सैकड़ों लोग अस्पताल में धरने पर बैठ गए हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक अस्पताल के जिम्मेदार डॉक्टरों और अधिकारियों पर मामला दर्ज नहीं होता, तब तक शव को हाथ नहीं लगाएंगे और न ही अंतिम संस्कार करेंगे।
अस्पताल प्रशासन का स्पष्टीकरण
शास्त्रीनगर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश चौधरी ने सफाई देते हुए कहा कि पोस्टमार्टम और मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, परिजनों और प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे बिना किसी ठोस कार्रवाई के पीछे हटने वाले नहीं हैं। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और परिजनों को न्याय मिल पाता है या नहीं।