औरतोेंं को होती है अधिक बीमारी
‘लैंसेट’ के अध्ययन में सामने आईं जानकारियां
सामना संवाददाता / मुंबई
पुरुषों और महिलाओं के बीच अधिकांश अंतर समाज द्वारा पैदा किए जाते हैं। हालांकि लिंग के अनुसार, पुरुषों और महिलाओं के बीच शारीरिक बनावट के साथ-साथ ताकत में भी कई अंतर हैं। कई अध्ययनों से यह निष्कर्ष निकला है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहती हैं, लेकिन महिलाओं में बीमारियां अधिक देखी जाती हैं। यह जानकारी ‘द लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट में सामने आई है। इस रिपोर्ट में इसकी वजह भी बताई गई है।
महिलाओं और पुरुषों की बीमारियों में अंतर
अधिकांश लिंग भेद किशोरावस्था के दौरान सामने आते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, न केवल जैविक अंतर, बल्कि लिंग मानदंड भी लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं। अध्ययन में शामिल शोधकर्ताओं में से एक सारा हॉक्स ने बताया है कि यह न केवल उस जैविक शरीर पर निर्भर करता है, जिसके साथ आप पैदा हुए हैं, बल्कि उस वातावरण पर भी निर्भर करता है, जिसमें आप रहते हैं। मानसिक विकार वाली महिलाओं को तुरंत मदद मिल जाती है, लेकिन पुरुषों के मामले में ऐसा नहीं है। पुरुष अपनी मानसिक समस्याओं के प्रति ज्यादा जागरूक नहीं होते हैं, इसलिए उन्हें मदद मिलने की संभावना कम है। इस तरह स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली भेदभावपूर्ण हो जाती है।
स्वास्थ्य के प्रति उपेक्षा करती हैं महिलाएं
महिलाओं में पीठ दर्द जैसे मस्कुलोस्केलेटल विकार आम हैं। यह विकार हार्मोन में परिवर्तन, मांसपेशियों में संकुचन, गर्भावस्था, प्रसव और शारीरिक तनाव जैसे जैविक कारकों से बढ़ जाता है। घर का काम करने, पूरे घर की देखभाल करने के कारण महिलाएं अपना ख्याल नहीं रखती हैं और समय पर आवश्यक उपाय नहीं करती हैं। महिलाओं को वास्तव में इन समस्याओं से निपटने में मदद की जरूरत है, लेकिन ऐसे समय में वे समस्या को नजरअंदाज कर देती हैं। साथ ही वे डॉक्टरों के पास जाने से बचती हैं। अध्ययन से यह भी पता चला है कि जब महिलाओं को पीठ के निचले हिस्से में दर्द होता है, तो डॉक्टर भी समस्या को गंभीरता से नहीं लेते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि साल १९९० से २०२१ तक के आंकड़ों की तुलना करते हुए पाया कि समय के साथ कई चीजें बदल गई हैं, लेकिन पुरुषों और महिलाओं के बीच भेदभाव अभी भी कायम है।
लिंगानुपात स्वास्थ्य जानकारी एकत्र करने की आवश्यकता
लैंसेट शोधकर्ताओं ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं के बीच इस अंतर को कम करने के लिए पहला कदम सही डेटा एकत्र करना है। कारण लिंग और लिंग आधारित अलग-अलग स्वास्थ्य डेटा अभी भी लगातार एकत्र नहीं किया जाता है। पुरुषों और महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें अलग-अलग होती हैं। सरकार स्वास्थ्य पर अधिक पैसा खर्च करती है। खासतौर पर ऐसी स्थितियां पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करती हैं, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य जैसी चीजों के लिए फंडिंग कम हो रही है।