•सुल्तानपुर के १४ ब्लॉकों में ४९७५ श्रमिकों की मजदूरी पर मनरेगा लोकायुक्त ने उठाए सवाल, मांगा अफसरों से जवाब
विक्रम सिंह/सुल्तानपुर
यूपी के ‘योगीराज’ के बावजूद ‘तंत्र’ में घुसे भ्रष्टाचार के दीमक सरकारी धन को पूरी निर्लज्जता से खुलेआम डकार रहे हैं। ताजा वाकया है अयोध्या परिक्षेत्र के सुल्तानपुर जिले का। यहां दो दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश में भी करीब पांच हजार मनरेगा श्रमिक ‘मजदूरी’ करते रहे! उनकी ऑनलाइन हाजिरी भी भरी जाती रही। आश्चर्य , जिम्मेदार अफसर उनकी हाजिरी को ‘ओके’ भी करते रहे! जब प्रकरण सोशल मीडिया-मीडिया से होते हुए मनरेगा लोकायुक्त तक पहुंचा , तो उन्होंने जिम्मेदार विभाग के उच्चाधिकारियों से जवाब तलब कर लिया है।
वाकया कुछ यूं है। सुल्तानपुर में १४ विकासखंड हैं। जिनके तकरीबन हरेक गांव में मनरेगा के तहत निर्धारित दिहाड़ी मूल्य पर श्रमिक विकास एवं निर्माण कार्य संपन्न करा रहे हैं। विदित हो कि गत २७ सितंबर से सुल्तानपुर समेत आसपास के दर्जनों जिलों में रिकॉर्डतोड़ मूसलाधार बरसात शुरू हो गई। जो दो दिन तक लगातार होती रही। अतिवृष्टि से गांव-गांव जलप्लावन के हालात पैदा हो गए। जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। स्कूल-काॅलेज तक बंद कर दिए गए। बावजूद मनरेगा की मजदूरी का कार्य गांव-गांव सरकारी कागज पर जारी रहा। कूरेभार ब्लॉक में ७९० , धनपतगंज में १३९०, कुड़वार में ४१५, लम्भुआ में ६३०, अखंडनगर में २५१ और कादीपुर में २४३, जयसिंहपुर में ४८३, कुड़वार में ४१५ , दूबेपुर में १६४ ,करौंदीकला में १२०, मोतिगरपुर में ८७ , पी.पी कमैचा में ८ , बल्दीराय में २०, भदैंया में १२४ मजदूर आनलाइन हाजिर रहे। यानी दिनभर मजदूर मजदूरी करते रहे। मतलब पूरे जनपद में ४९७५ मजदूरों ने अतिवृष्टि के बावजूद जलभराव में फावड़ा भांजा। सड़कें, नाले-नालियां व खड़ंजा बनाने के लिये काम किया। जिसकी तस्दीक खुद सरकारी दस्तावेज कर रहे हैं। इस अजूबे की जानकारी हुई तो सोशल मीडिया ने सवाल खड़े करने शुरू किए। बात पहुंच गई मनरेगा लोकायुक्त महेंद्र विक्रम सिंह तक। वे भी भौचक रह गए। उन्होंने श्रम रोजगार उपायुक्त को सीधा पत्र जारी करते हुए आख्या तलब कर ली है। जिससे पंचायती राज विभाग में हड़कंप मच गया है।