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‘जेजे’ अस्पताल के ‘कैदी वॉर्ड’ पर बढ़ रहा काम का दबाव!  … अपराधियों, आरोपियों की मेडिकल जांच का बढ़ा बोझ

– हर महीने ओपीडी में लाए जाते हैं १५० से २०० कैदी
सामना संवाददाता / मुंबई
एमएमआर क्षेत्र में नई मुंबई, ठाणे, कल्याण, आर्थर रोड और भायखला की जेलों में वैâदियों को इलाज या उनकी मेडिकल जांच के लिए जेजे अस्पताल में लाया जाता है। नतीजतन, इस अस्पताल में ‘वैâदियों के इलाज’ का दबाव बढ़ता ही जा रहा है। आलम यह है कि अस्पताल के ओपीडी में इलाज के लिए हर महीने १५०-२०० कैदियों को लाया जाता है। अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि वैâदियों को केईएम, सायन, कूपर, नायर और ठाणे के छत्रपति शिवाजी अस्पतालों में भर्ती करने से जेजे पर दबाव कम करने में मदद मिलेगी, लेकिन इस पर सरकार की तरफ से कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि जेजे अस्पताल में एक अलग ‘वैâदी वॉर्ड’ है। हर माह ओपीडी में १५०-२०० मरीज आते हैं। इसी के साथ ही मरीजों को वैâदी वॉर्ड में भर्ती कराया जाता है। सीबीआई, ईडी, सीआईडी और एसीबी जैसी जांच एजेंसियां भी आरोपियों को जांच के लिए इसी अस्पताल में लाती हैं। आरोपियों को कोर्ट में पेश करने से पहले मेडिकल जांच के लिए भी यहीं लाया जाता है। इस अस्पताल में देह तस्करी के आरोपियों की जांच भी की जाती है। जेजे की तरह अन्य मनपा अस्पताल भी वैâदियों का इलाज करने में सक्षम हैं। उनके पास जेजे अस्पताल से भी अधिक सुविधाएं हैं। मनपा अस्पतालों में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेमेटोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी जैसे अत्याधुनिक विभाग भी हैं। बताया गया है कि ये विभाग जेजे अस्पताल में नहीं हैं।
अन्य मनपा अस्पतालों में ‘कैदी वॉर्ड’ कब?
मुंबई में मनपा के एक मुख्य अस्पताल में ‘वैâदी वॉर्ड’ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस अस्पताल में इस तरह का एक अलग ‘वैâदी वॉर्ड’ बनाने के लिए २०१६ से ही आयुक्त और कारावास विभाग के महानिरीक्षक से पत्राचार चल रहा है, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। सूत्रों के मुताबिक, यदि इस अस्पताल में वैâदियों की जांच शुरू हो जाए तो जेजे पर दबाव कम हो जाएगा।
मरीजों के भारी बोझ से जूझ रहा जेजे
राज्य सरकार का अस्पताल जेजे पहले से ही मरीजों की देखभाल के भारी बोझ से जूझ रहा है। आधुनिक सेवाओं और सुविधाओं से सुसज्जित दक्षिण मुंबई के इस अस्पताल में राज्य भर से सैकड़ों मरीज आते हैं। वे इस आशा के साथ आते हैं कि वे कई गंभीर बीमारियों से ठीक हो जाएंगे।

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