-मोदी जी, ऐसे कैसे कुपोषणमुक्त होगा हिंदुस्थान
-जनता पूछ रही सवाल
मध्य प्रदेश सरकार की कुपोषणमुक्त भारत अभियान के प्रति संवेदनहीनता का अंदाजा इतने भर से लगाया जा सकता है कि यहां बच्चों के पोषण के लिए ८ रुपए खर्च हो रहे हैं। इसमें भी साल के आखिर में पैसा बच जा रहा है। जबकि राज्य में गायों के पोषण पर ४० रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है। बड़ी बात यह है कि बीजेपी के विधायकों को यह ८ रुपए की राशि भी ज्यादा लग रही है। जबलपुर से बीजेपी के विधायक अजय बिश्नोई का कहना है कि बच्चों के पोषण के लिए दी जाने वाली यह राशि पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को डोसा-पिज्जा खाना हो तो यह अलग बात है। अन्यथा इस राशि से बच्चों का बेहतर पोषण हो सकता है। यह राशि कुपोषित बच्चों की माताओं को मिल रही है और वह इसका लाभ भी उठा रही हैं। दरअसल, यह मामला बीजेपी की ही एक विधायक कंचन तनवे ने विधानसभा में उठाया। उन्होंने बताया कि आंगबाड़ी के जरिए दिए जाने वाले पोषाहार की यह रकम बहुत कम है और इसे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विभाग के मंत्री और अधिकारियों से भी बात करेंगी। ऐसे में अब हिंदुस्थान की जनता देश के पीएम नरेंद्र मोदी से यह सवाल पूछा है कि आखिर ऐसे वैâसे कुपोषण मुक्त हिंदुस्थान की कल्पना वैâसे कर सकते हैं?
बता दें कि यह मुद्दा इसलिए भी गंभीर कि मध्य प्रदेश में गायों के पोषण के लिए प्रति गाय ४० रुपए खर्च किए जा रहे हैं। यह रकम राज्य सरकार की ओर से गोशाला प्रबंधकों को दी भी जा रही है। वहीं इंसानों के पोषण की बात आती है तो राज्य सरकार ने कुपोषित बच्चों के लिए ८ रुपए और अति कुपोषित बच्चों के लिए १२ रुपए का प्रावधान किया है। कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा है कि बीजेपी और मध्य प्रदेश सरकार को इवेंट्स में होने वाले बेवजह के खर्चे को बंद कर बच्चों के पोषण पर खर्च करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि साल २०२० से २०२३ के बीच मध्य प्रदेश में ८ लाख ५२ हजार बच्चे कुपोषित पाए गए।