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वाह रे नीतीश `राज’…बिहार में होता है मुर्दों का इलाज!..मरने के ४८ घंटे बाद तक १० माह की मृतक बच्ची का डॉक्टर करते रहे `इलाज’

बिहार की राजधानी पटना से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल पर मरीज के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाया है। परिजनों का आरोप है कि अस्ताल के डॉक्टर उनके १० महीने के मृत बच्चे का इलाज करते रहे और पैसे ऐंठते रहे। जब शव से बदबू आने लगी तो उन लोगों ने मृत बच्चे को दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया। इस घटना को पढ़कर ये कहना गलत नहीं होगा कि नीतीश कुमार के राज में डॉक्टर्स `मुर्दों’ का इलाज कर रहे हैं।
बता दें कि १० महीने के मृत बच्चे की मां अनिमा ने आरोप लगाया कि मेरे बच्चे की मौत के बाद भी उसे जिंदा बता कर पैसा लिया गया है। हद तो तब हो गई। जब बच्चे के शव से बदबू आने लगी। इसके बाद उसे जिंदा बताकर दूसरी जगह ले जाने के लिए कहा गया। जब दूसरे अस्पताल में भर्ती कराने पहुंचे, तो वहां के डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे की मौत ४८ घंटे पहले ही हो चुकी है।
बच्चे की मां अनिमा ने बताया कि बुधवार को बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी तो उसे अस्ताल में भर्ती कराया गया। यहां आने के दो-तीन घंटे के बाद ही बच्चा मर चुका था, लेकिन तीन दिनों तक मरे हुए बच्चे का इलाज डॉक्टरों ने किया। परिजन डॉक्टरों पर लापरवाही करने का भी आरोप लगा रहे है। उनका कहना है कि अस्पताल हमसे माफी मांगे। परिजनों ने आरोप लगाया कि जब वे लोग रेफर करने वाले डॉक्टरों से पूछने गए तो हाथापाई करने लगे।
मृत शिक्षकों को नोटिस `जल्द से जल्द आओ स्कूल!’
पूर्णिया में शिक्षा विभाग ने २ मृत और १ जेल में बंद शिक्षक से स्कूल में अनुपस्थिति का स्पष्टीकरण मांगा है। दरअसल, दोनों शिक्षकों की २०२४ में नवंबर व दिसंबर में मौत हो गई थी, जबकि तीसरा शिक्षक हत्या के आरोप में ५ साल से जेल में है। डीईओ का कहना है कि डेटाबेस मिसमैच होने से ऐसा हुआ।

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