शाहजहांपुर के जिला जेल में १०३ वर्ष के बुजुर्ग को जाना पड़ा। इसकी वजह उनके बेटे हैं। गुरमीत नामक इस बुजुर्ग ने अपनी १२ एकड़ कृषि जमीन गुरुद्वारे को दान कर दी थी। इस फैसले से नाराज बेटों ने उन पर झूठा आरोप लगाकर उन्हें जेल भिजवा दिया। जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया कि गुरमीत सिंह के बेटे नशे के आदी हैं और उनसे मिलने तक नहीं आते।
बुजुर्ग ने अपनी दास्तान सुनाते हुए कहा कि दान देने के बाद बेटों ने उनके साथ झगड़ा किया और जेल भेज दिया। जेल में गुरमीत को दैनिक जरूरतों के सामान की कमी हो रही थी। जेल अधीक्षक और समाजसेवी संस्था सहयोग ने मिलकर उन्हें कंबल, कपड़े, फल, बिस्किट, और अन्य आवश्यक सामान उपलब्ध कराया। साथ ही संस्था ने उनकी रिहाई का भी आश्वासन दिया है। फिलहालें उम्र के इस पड़ाव पर जेल में बंद बुजुर्ग अपने बेटों की करतूत पर खूब रोते हैं और कहते हैं कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनके बेटे उनके साथ ऐसा व्यवहार करेंगे।