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वाह रे यूपी पुलिस !..कस्टडी में युवक ने पजामे के नाड़े से कर ली आत्महत्या-एसपी

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

बस्ती में पुलिस कस्टडी से लौटे युवक की मौत के बाद योगी पुलिस की किरकिरी थमीं भी नहीं थी कि आजमगढ़ पुलिस की कस्टडी में हुई दलित युवक की मौत के बाद राजनैतिक उबाल आ गया है। आजमगढ़ के तरवां थाना परिसर के शौचालय में रविवार देर रात प्रतियोगी छात्र का शव फंदे से लटकता मिला। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने सोमवार को जमकर बवाल काटा। थाने को घेर लिया और पुलिस पर जमकर पथराव किया। लाठी-डंडे से प्रहार कर पुलिस की गाड़ी तोड़ दी। पथराव में एक इंस्पेक्टर जख्मी हो गए। पुलिस ने लाठीचार्ज कर किसी तरह हालात को काबू किया। घरवालों ने पुलिसकर्मियों पर हत्या कर शव लटकाने का आरोप लगाया है। पुलिस का दावा है कि छात्र ने आत्महत्या की है। एसपी ने तरवां थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, तरवां थाना क्षेत्र के उमरीपट्टी गांव निवासी 21 वर्षीय शनि पुत्र हरिकांत वाराणसी में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता था। 18 मार्च को वह दोस्त की बहन की सगाई में गांव आया था। क्षेत्र की एक किशोरी के साथ उसका प्रेम संबंध बताया जाता है। किशोरी के पिता ने 29 मार्च को उस पर छेड़खानी का आरोप लगाते हुए एसपी से शिकायत की थी। पुलिस ने उसी दिन शाम को शनि को हिरासत में ले लिया। इसके बाद से उसे थाने में रखा गया था। रविवार रात करीब 12 बजे थाना परिसर स्थित शौचालय में उसका शव फंदे से लटकता मिला। जानकारी होने के बाद पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया।
आरोप है कि पहले तो पुलिस घटना को छिपाने में लगी रही। बाद में अफसरों को जानकारी दी गई।सूचना मिलने पर सुबह करीब सात बजे शनि के गांव के लोगों ने थाने का घेराव कर दिया। खरिहानी-मेहनाजपुर मार्ग पर थाने के सामने और परमानपुर में जाम लगा दिया। बवाल की आशंका में एसपी सिटी, एसपी ग्रामीण के साथ ही कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई। दोपहर करीब एक बजे परमानपुर चौराहे पर गुस्साए लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। लाठी-डंडे से पुलिस की जिप्सी तोड़ दी। बवाल बढ़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पथराव कर रहे लोगों को दौड़ाकर पीटा। करीब आधे घंटे बाद किसी तरह हालात काबू में आया। लाठीचार्ज के दौरान पत्थर लगने से पुलिस लाइन में तैनात इंस्पेक्टर अखिलेश मौर्य जख्मी हो गए। उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है।
परिजनों का हत्या कर शव फंदे से लटकाने का आरोप
परिजनों ने पुलिस पर युवक को छोड़ने के लिए रुपये मांगने और हत्या कर शव फंदे से लटकाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि शनि का क्षेत्र की एक किशोरी के साथ प्रेम संबंध था। किशोरी के पिता की शिकायत पर तीन मार्च को तरवां थाना की पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था। एसओ कमलेश पटेल ने इस मामले में दोनों पक्षों में समझौता करा दिया था। उन्होंने शनि से लड़की पक्ष को आठ हजार रुपए दिलवाए थे। इसके बाद 29 मार्च को किशोरी के पिता ने एसपी से शिकायत कर जबरन समझौता कराने का आरोप लगाया। पुलिस ने 29 मार्च को फिर से शनि को हिरासत में ले लिया, तब से उसे थाने में ही रखा गया। शनि के मामा के बेटे चंदन समेत अन्य परिवारीजनों ने आरोप लगाया कि शनि को प्रताड़ित किया गया। उसे छोड़ने के लिए रुपये की मांग की गई। रुपए न देने पर पीटा गया। हत्या करने के बाद उसका शव फंदे से लटका दिया गया।
एसपी हेमराज मीना ने बताया कि इस मामले में तरवां थानाध्यक्ष कमलेश पटेल, सब इंस्पेक्टर भीम सिंह और कांस्टेबल प्रमोद यादव को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस पर पीटने और रुपये मांगने के आरोप बेबुनियाद हैं। शनि का क्षेत्र की एक किशोरी के साथ प्रेम संबंध था। किशोरी ने ही शनि के खिलाफ छेड़खानी की शिकायत की थी। 29 मार्च को उसे हिरासत में लिया गया था। रविवार को आरोपी युवक के खिलाफ छेड़खानी का मुकदमा दर्ज किया गया था। सोमवार को उसका चालान किया जाना था। प्रेमिका द्वारा छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराए जाने से वह तनाव में था। देर रात थाना परिसर के शौचालय में उसने अपने पायजामे के नाड़े से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
बस्ती और आजमगढ़ की घटना में जो एक समानता है वह ये कि पुलिस अधिकारियों की निगाह में दोनों युवकों की मौत में पुलिस दोषी नहीं है। उसके बावजूद थानेदार और अन्य को निलंबित किया गया है।

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