मुख्यपृष्ठनए समाचारउपचुनाव में योगी विरोधियों ने चल दी चाल ...मुख्यमंत्री की जा सकती...

उपचुनाव में योगी विरोधियों ने चल दी चाल …मुख्यमंत्री की जा सकती है कुर्सी! …उपचुनाव में भी हुआ भितरघात

सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा चुनाव में हुए भितरघात से मात खाई भाजपा को नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा है। मतदान के बाद भितरघात को लेकर मिले इनपुट के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी को खतरा हो सकता है। योगी विरोधी किसी भी हालात में योगी को हटाना चाहते हैं। योगी विरोधियों को गृह मंत्री अमित शाह का समर्थन बताया जाता है। बताया जाता है कि भाजपा में हुए भितरघात के बाद अब पार्टी स्तर पर इस बात का आकलन किया जा रहा है कि इससे कितना नुकसान हुआ है। भितरघातियों को चिह्नित भी किया गया है। कुंदरकी, कटेहरी और फूलपुर में भितरघात की सबसे ज्यादा शिकायतें मिली हैं। हालांकि, भाजपा को बेहतर परिणाम की उम्मीद है। दरअसल, सभी सीटों पर टिकट को लेकर कई पूर्व सांसदों-विधायकों व पुराने कार्यकर्ताओं ने दावा किया था, लेकिन पार्टी ने टिकट देने में जल्दबाजी न करते हुए सीटवार जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर प्रत्याशियों की घोषणा की थी। लिहाजा कई सीटों पर टिकट से वंचित लोगों की ओर से भितरघात किए जाने की बात सामने आई है। मझवां, कटेहरी, कुंदरकी और सीसामऊ सीट पर तो प्रत्याशी घोषित होने के बाद से ही इसकी शिकायतें मिल रही थीं। इसे रोकरने के लिए पार्टी के नेताओं ने भरसक प्रयास भी किए, फिर भी कई सीटों पर अपनों की ही मुखालफत सामने आई है।
सूत्रों का कहना है कि सबसे अधिक शिकायतें कटेहरी और कुंदरकी सीट पर सामने आई हैं। मझवां में पार्टी के अलावा भाजपा के सहयोगी दल के कार्यकर्ताओं की ओर से भी खेल बिगाड़ने की कोशिश के इनपुट मिले हैं। हालांकि, सहयोगी दलों के बड़े नेता लगातार इन सीटों पर प्रचार कर एनडीए प्रत्याशियों को जिताने की अपील करते रहे। इसके बावजूद स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं ने भितरघात किया।
मनमाने तरीके से प्रत्याशियों के चयन पर लोकसभा चुनाव में भी भाजपा में भितरघात से भाजपा को भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। सभी ८० सीटों का जीत का दावा करने वाली भाजपा मात्र ३६ सीटें ही जीत पाई थी। चुनाव परिणाम को लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में आपसी कलह भी सामने आई थी।

अन्य समाचार