सामना संवाददाता / मुंबई
चुनाव खत्म हो गया है और अब लाडली बहनों की फिलहाल ज्यादा जरूरत नहीं रह गई है। ‘ईडी’ २.० सरकार को लाडली बहनों को ३,६९० करोड़ की रकम देना काफी भारी पड़ रहा है इसलिए अब इसमें २५ फीसदी को अपात्र कर पैसे बचाने की योजना बनाई गई है। सरकार इसमें कटौती करके ९०० करोड़ रुपए बचाना चाहती है।
बता दें कि कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा था कि लाडली बहन योजना राज्य पर वित्तीय बोझ है। कोकाटे का बयान सरकार के इस प्रयास की पुष्टि करनेवाला है। अब इस बोझ को कम करने के लिए लाडली बहन योजना की ६० लाख महिला लाभार्थियों को इस योजना से हटाए जाने की खबर है।
अपात्र से होगी वसूली
विभाग ने कहा कि जो महिलाएं अपात्र होंगी, उनसे खाते में जमा पैसे वापस वसूले जाएंगे। महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने यह भी बताया है कि महिला लाभार्थियों द्वारा यह दर्ज किया जाएगा कि वे एक ही समय में दो योजनाओं का लाभ तो नहीं ले रही हैं।
लाभार्थियों की होगी जांच
विभिन्न दस्तावेजों की जांच करके उन्हें अपात्र घोषित कर दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, लाडली बहन योजना के माध्यम से राज्य की दो करोड़ ४६ लाख महिलाओं के खाते में १,५०० हजार रुपए जमा किए जाते हैं। सरकार लाडलीr बहन योजना के साथ-साथ यह जांचने जा रही है कि लाभार्थी और किन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं?
इन योजनाओं में मिलते हैं पैसे
संजय गांधी निराधार योजना के माध्यम से २५ लाख महिलाओं को प्रति माह १.५ हजार रुपए दिए जाते हैं। साथ ही नमो शेतकारी योजना के जरिए ९४ लाख लाभार्थियों को हर महीने १,००० रुपए दिए जाते हैं। इन योजनाओं के अलावा कृषि यंत्र खरीदने के लिए भी सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है।
परिवहन विभाग करेगा लाडली बहनों की जांच!
योजना पर खर्च हो चुके हैं ३२,६०० करोड़ रुपए
लाडली बहन योजना १ जुलाई २०२४ से शुरू हुई। तब से सरकार छह सप्ताह में लाडली बहन योजना के लाभार्थियों के खातों में ३२,६०० करोड़ रुपए जमा कर चुकी है। नमो शेतकर योजना से राज्य की १८.१८ लाख महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं, जबकि १.७१ लाख महिलाओं को कृषि उपकरणों पर सब्सिडी दी जाती है। महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने बताया है कि इन सभी महिलाओं के आवेदन की जांच की जाएगी। इसके अलावा परिवहन विभाग को भी जिम्मेदारी दी गई है। परिवहन विभाग इस बात की जांच करेगा कि लाडली बहन योजना के लाभार्थियों के पास दोपहिया वाहन है या चार पहिया। इसके अलावा सभी लाभार्थी महिलाओं की ई-क्यूसी की जाएगी। इससे यह जांच की जाएगी कि कोई महिला इनकम टैक्स तो नहीं भर रही है।