-लोगों को गुमराह कर भर्ती करा रहे एजेंट मना करने पर कर रहे टॉर्चर
सामना संवाददाता / चंडीगढ़
यूक्रेन के साथ युद्ध में लिप्त होने के बाद रूस में ऐसे तथाकथित कई एजेंट्स सक्रिय हो गए हैं जो दक्षिण एशियाई पुरुषों को रूसी दुल्हन यहां तक कि लग्जीरियस लाइफ की पेशकश करके लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें हिंदुस्थानियों की भी तादाद अच्छी खासी है, जिन्हें उच्च वेतन वाली नौकरी का झांसा देकर युद्ध में धकेल दिया गया। बताया जाता है कि हरियाणा में आम लोगों को रशियन युवती से शादी, उच्च वेतन वाली नौकरी और शानदार जिंदगी का सपना दिखा कर एजेंट्स रूसी सेना में भर्ती करा रहे हैं। हाल ही में हरियाणा के ही रहने वाले दो भाइयों को रूसी सेना में भर्ती कराने के लिए धोखेबाज एजेंटों द्वारा रचे गए साजिश का भंडाफोड़ किया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो दोनों भाइयों मुकेश और सनी ने यह दावा किया कि उनके जैसे २०० से अधिक लोगों को रूस और बेलारूस की सीमा पर रूसी सेना शिविर में शामिल किया गया।
नौकरी और शादी का दिया झांसा
रिपोर्ट्स के अनुसार, इन दोनों भाइयों ने कहा कि एजेंटों द्वारा उन्हें धोखे से जर्मनी के बजाय बैंकॉक भेज दिया गया। जहां उन्हें एक होटल में नौकरी देने का वादा किया गया था। बैंकॉक से उन्हें हवाई मार्ग से बेलारूस ले जाया गया। यहां उन्हें रूसी सेना के शिविर में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।
पुलिस से की शिकायत
मुकेश ने कहा कि मुझे नहीं पता कि किन परिस्थितियों में हमारे दोस्त सेना में शामिल होने के लिए सहमत हुए। उन सभी को कहीं और ले जाया गया। उसके बाद मैंने उन्हें नहीं देखा। मुकेश और सनी के परिवारों ने अब एजेंटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
अवैध रूप से कराया रूस में दाखिला
दोनों भाइयों ने जब सेना में शामिल होने से मना कर दिया, तब उन पर अवैध रूप से रूस में घुसने का केस दर्ज कर मॉस्को की जेल में बंद कर दिया गया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें एजेंटों द्वारा भूखा, प्यासा रखा गया और शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान किया गया। मॉस्को के एक वकील ने उन्हें जेल से बाहर निकलने और घर लौटने में मदद की, इसके लिए वकील ने ६ लाख रुपए लिए थे।