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संदेह के घेरे में जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी! …कहीं आपला दवाखानों की तरह न हो जाए दयनीय स्थिति

योजना का बखान करते नहीं थक रहे मुख्यमंत्री

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
एक अप्रैल से मुंबई के अस्पतालों में जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी को लागू कर दिया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने योजना की जमकर प्रशंसा की। हालांकि, योजना के शुरू होने से पहले ही उस पर संदेह के बादल मंडराने लगे हैं। दूसरी तरफ महाविकास आघाड़ी सरकार में स्वास्थ्य को गंभीरता से लेते हुए महत्वाकांक्षी हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे स्वास्थ्य केंद्र योजना को तैयार किया गया। हालांकि, इसे शिंदे सरकार में शुरू किया गया। मौजूदा समय में योजना के तहत चल रहे अधिकांश दवाखानों की दयनीय स्थिति बनी हुई है। इसे देखते हुए नागरिक कह रहे हैं कि जिस जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी का बखान करते मुख्यमंत्री नहीं थक रहे हैं, कहीं उसकी भी गति आपला दवाखानों की तरह न हो जाए।
उल्लेखनीय है कि मनपा के प्रमुख अस्पतालों में मरीजों के बोझ को कम करने और मुंबईकरों को देर रात तक घर के पास ही चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे स्वास्थ्य केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। हालांकि, इस बीच प्रदेश की राजनीति में गद्दारों के चलते आए भूचाल से सत्ता परिवर्तन हो गया। ऐसे में इस योजना का नाम बदलकर हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे आपला दवाखाना कर दिया गया। साथ ही जोर-शोर से शहर में केंद्रों को शुरू किया गया। इस समय मुंबई के २२६ स्थानों में आपला दवाखाना शुरू कर दिया गया है। मनपा का दावा है कि इन दवाखानों में अब तक ४२ लाख से अधिक मरीजों ने लाभ लिया है। हालांकि, प्रत्यक्षतौर पर अधिकांश दवाखाना विकट परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। नागरिकों का आरोप है कि दिंडोशी, मालाड-पूर्व, कुर्ला, मालवणी समेत कई स्थानों पर मौजूद दवाखानों में चिकित्सक ही नहीं रहते हैं तो कहीं दवाइयों की किल्लत है। ऐसी स्थिति में मरीजों को इलाज के लिए या तो घंटे भर इंतजार करना पडता है अथवा अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है। ऐसे में मनपा स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करने के लिए मनपा के प्रमुख अस्पतालों में एक अप्रैल से जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी शुरू करने जा रही है।

खर्च होंगे १,५०० करोड़ रुपए
कल मुंबई दौरे में मुख्यमंत्री ने डींगे हांकते हुए कहा कि आरोग्य आपके द्वार अभियान के तहत शहर में टीमें हर घर पहुंच नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच कर रही हैं। इसी के साथ ही मनपा अस्पतालों में जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी अप्रैल से शुरू हो रही है। इसके लिए १,५०० करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, लेकिन इस पर अभी से सवाल उठने लगे हैं।

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