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७ साल में जीरो काम,  कुर्ला-सीएसएमटी ५वीं-६ठी लाइन का प्रोजेक्ट फंसा! …२०१८ में हुई थी घोषणा …एमएमआरडीए पर रेलवे ने फोड़ा ठीकरा

ब्रिजेश पाठक / मुंबई
रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव रेलवे में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर का ढिंढोरा पीट रहे हैंै, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। मुंबई में रेलवे कई प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, लेकिन इसमें से कई प्रोजेक्ट की फाइलें धूल फांक रही हैं, जिनमें जरा भी काम नहीं हुआ है। इसी में से एक प्रोजेक्ट कुर्ला-सीएसमटी पांचवी व छठी लाइन का प्रोजेक्ट भी है, जिसमें पिछले सात साल में जीरो प्रतिशत काम हुआ है। इस तरह साफ है कि यह प्रोजेक्ट फंस चुका है।
बता दें कि कुर्ला-सीएसमटी पांचवी व छट्ठी लाइन बिछाने की परियोजना की घोषणा वर्ष २०१८ में हुई थी। इस प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए कुर्ला से परेल के लिए ५,७५० वर्ग मीटर जमीन की जरूरत है, जिसमें से ३,६४० वर्ग मीटर सरकारी जमीन है और २,१०९ वर्ग मीटर निजी जमीन है।

अटकी है कुर्ला-सीएसएमटी
पांचवीं-छठी लाइन!
एमएमआरडीए ने साधा मौन!

कुर्ला-सीएसएमटी पांचवी व छठी लाइन का काम अटक गया है। करीब ८ साल पहले इसकी घोषणा की गई थी, पर अभी तक यह शुरू नहीं हो पाया है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि एक हजार वर्ग मीटर में करीब ७१४ लोग रह रहे हैं। इन्हें हटाने और पुनर्वास करने की जिम्मेदारी एमएमआरडीए की है। इस संबंध में अब तक एमएमआरडीए की तरफ से किसी भी तरह का जवाब नहीं आया है।
जब इस संवाददाता ने एमएमआरडीए अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की, तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।
दो अतिरिक्त लाइन बनने से क्या लाभ होगा?
एक अधिकारी ने बताया कि पांचवीं व छठी लाइन का काम पूरा होने के बाद चार कॉरिडोर बनाए जाएंगे, जिसमें हार्बर, स्लो सबअर्बन, फास्ट सबअर्बन, व मेल/एक्सप्रेस कॉरिडोर शामिल है। इससे मध्य रेलवे अतिरिक्त लोकल चला पाएगी, जिससे ट्रेन में होने वाली भीड़ को कम किया जा सकेगा। बता दें कि मध्य रेलवे की लोकल में बढ़ती भीड़ एक गंभीर चुनौती बनी हुई है।
कुर्ला-सीएसएमटी प्रोजेक्ट की घोषणा २०१८ में हुई थी, लेकिन जमीन अधिग्रहण अब तक नहीं हो पाया है। एमएमआरडीए को ७१४ लोगों को पुनर्वास के लिए योजना जल्द बनानी चाहिए। यह प्रक्रिया पूरी होते ही प्रोजेक्ट पर तेजी से काम किया जाएगा।
(अधिकारी, मध्य रेलवे)

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